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मैरिटल रेप पर हाई कोर्ट के बँटे हुए फ़ैसले से पीड़ितों में जगी उम्मीद
BBC
दिल्ली हाई कोर्ट ने मैरिटल रेप के बहुचर्चित मामले में बँटा हुआ फै़सला दिया है. ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में जाएगा.
मैरिटल रेप को अपराध घोषित किए जाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने बंटा हुआ फैसला सुनाया है और कहा है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं.
इस मामले में जहां एक जस्टिस ने कहा कि बिना अपनी पत्नी की सहमति के ज़बरदस्ती संबंध बनाना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तो दूसरे जस्टिस इस फैसले से सहमत नहीं दिखे.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव शकधर और सी हरिशंकर कर रहे थे.
हालांकि इस फैसले पर बीबीसी से बातचीत में एक मैरिटल रेप की पीड़िता वैभवी (बदला हुआ नाम) उम्मीद जताते हुए कहती हैं, ''मैरिटल रेप को जहां कोई अपराध की श्रेणी में ही नहीं लेता था ऐसे में अगर एक जज उसे अपराध बता रहे हैं तो इतने सालों में हम कहीं न कहीं तो पहुंचें. कभी न कभी तो लोग मानेंगे ये ग़लत है. ये अपराध है.''
मैरिटल रेप को अपराध बनाए जाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाएं डाली गईं थीं.