'मैं भगवान के सामने बैठ गया और...', CJI चंद्रचूड़ ने सुनाई राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले की कहानी
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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पुणे में अपने पैतृक गांव कानहेरसर के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार हमारे पास केस होता है लेकिन उसका समाधान नहीं निकल पाता. अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में ठीक ऐसा ही हुआ. यह मामला तीन महीनों तक मेरे पास रहा. मैं भगवान के सामने बैठ गया और उनसे प्रार्थना की कि कुछ ना कुछ हल निकालना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि उन्होंने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान निकालने के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. उन्होंने कहा कि अगर किसी का विश्वास हो तो भगवान रास्ता निकाल ही लेता है.
उन्होंने पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कानहेरसर के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार हमारे पास केस होता है लेकिन उसका समाधान नहीं निकल पाता. अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में ठीक ऐसा ही हुआ. यह मामला तीन महीनों तक मेरे पास रहा. मैं भगवान के सामने बैठ गया और उनसे प्रार्थना की कि कुछ ना कुछ हल निकालना होगा.
सीजेआई ने कहा कि मेरा विश्वास कीजिए, अगर आप आस्था रखते हैं तो भगवान कोई न कोई रास्ता खोज निकाल ही लेता है. उन्होंने कहा कि सभी को समुदायों की रक्षा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन न केवल समृद्ध समाजों को बल्कि सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करता है.
बता दें कि नौ नवंबर 2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करके एक विवादित मुद्दे का निपटारा किया था. चंद्रचूड़ भी इसी पीठ का हिस्सा थे, जिन्होंने इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला दिया था. बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस साल जुलाई महीने में अयोध्या के राम मंदिर का दौरा कर प्रार्थना की थी. इसी साल 22 जनवरी को राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी.
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