
"मैंने अच्छे नंबरों से परीक्षा पास की लेकिन इनाम के तौर पर मेरा ख़तना करा दिया गया"
BBC
मिस्र में 2008 से ही महिलाओं के जननांग के ख़तना पर प्रतिबंध है लेकिन इसे लेकर सफलतापूर्वक कई मुक़दमे लड़ने वाले वकील का कहना है कि आजकल ख़तने की यह प्रक्रिया ‘प्लास्टिक सर्जरी’ करने के बहाने निपटाई जाती है.
"उन्होंने मुझे ज़बरदस्ती ज़मीन पर लिटा दिया और फिर किसी भी हाल में उठने नहीं दिया. फिर एक महिला ने मेरे शरीर के इस हिस्से को काट दिया. मुझे नहीं पता उन्होंने ऐसा क्यों किया. यह मेरी ज़िंदगी का पहला सदमा था. जिन बुज़ुर्गों से मैं प्यार करती थी उनके ख़िलाफ़ मैंने ऐसा क्या कर दिया था कि वे मेरे ऊपर सवार हो गए और मेरी टांगों को खोल कर मुझे इस क़दर लहूलुहान कर दिया. इसने मुझे इस हद तक मानसिक यातना दी कि मैं लगभग नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति में पहुँच गई थी." लैला (असली नाम नहीं) उस समय सिर्फ़ 11 या 12 साल की थीं, जब उनका ख़तना कर दिया गया. मिस्र के रूढ़िवादी मुस्लिम समुदायों, ख़ास कर ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले लोग मानते हैं कि जब तक महिलाओं के जननांग का एक हिस्सा काट नहीं दिया जाता तब तक उन्हें 'अस्वच्छ' और 'शादी के योग्य' नहीं समझा जाता.More Related News