‘मेरे बेटे ने मोहब्बत की थी लेकिन उस पर रेप का दाग़ लगाया गया, मैं इंसाफ़ के लिए लड़ूंगा’
The Wire
बीते दिनों गोरखपुर की एक अदालत में 31 वर्षीय दिलशाद की गोली मारकर की गई हत्या को 'बलात्कारी' की हत्या बताया जा रहा है. दिलशाद के पिता ने इसे 'ऑनर किलिंग' बताते हुए कहा कि उनके बेटे के हत्यारोपी भागवत निषाद उनके क़रीबी दोस्त थे और दिलशाद ने हिंदू धर्म अपनाकर उनकी बेटी से शादी की थी. इससे नाराज़ भागवत ने दिलशाद पर अपहरण और पॉक्सो के तहत केस दर्ज करवाया था.
‘मैं इस बात से बहुत आहत हूं कि मेरे बेटे को रेपिस्ट कहा जा रहा है. मेरा बेटा रेपिस्ट नहीं था. मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ना चाहता हूं. मै चाहता हूं कि सच्चाई समाज के सामने आए कि मेरा बेटे का दोष सिर्फ इतना है कि उसने एक हिंदू लड़की से प्यार किया और अपने प्यार को पाने के लिए धर्म बदलकर हिंदू हो गया. लड़की भी मेरे बेटे से प्यार करती थी. दोनों एक दूसरे पर जान देते थे. उन्होंने आपसी रजामंदी से शादी की थी और पूरी जिंदगी साथ रहना चाहते थे लेकिन मेरे बेटे की जान ले ली गई और उसके ऊपर रेपिस्ट का धब्बा लगा दिया गया. ’
आंसुओं में डूबे ये शब्दबिहार के मुजफ्फरपुर के भरवारी के एक गांव में रहने वाले 55 वर्षीय मोहम्मद ताहिर के हैं, जिनके 31 वर्ष के बेटे दिलशाद की 21 जनवरी की दोपहर करीब डेढ़ बजे गोरखपुर के सिविल कोर्ट परिसर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
गोली मारने वाले भागवत निषाद को उसी समय स्टैंड पर कार्य कर रहे एक कर्मचारी ने पुलिस की मदद से पकड़ लिया था. भागवत निषाद बड़हलगंज के रहने वाले हैं और हाल में फौज से रिटायर हुए हैं.
17 फरवरी 2020 को भागवत निषाद ने दिलशाद हुसैन के खिलाफ अपनी बेटी के अपहरण व बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. तहरीर में लड़की की आयु 18 वर्ष से कम बताई गई थी जिस पर पुलिस ने दिलशाद हुसैन के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट भी लगाया था.