मेडिकल संस्थानों की कमी छात्रों को विदेश जाने के लिए मजबूर करती है: दिल्ली हाईकोर्ट
The Wire
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी संतोष मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने की अनुमति देते हुए की. यह कॉलेज संतोष ट्रस्ट द्वारा संचालित और प्रबंधित किया जा रहा है. अदातल ने कहा कि आकांक्षी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले पर्याप्त मेडिकल संस्थानों की कमी के कारण ही वे स्वदेश छोड़ने और विदेशों में अध्ययन करने के लिए मजबूर होते हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि आकांक्षी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले पर्याप्त मेडिकल संस्थानों की कमी के कारण ही वे स्वदेश छोड़ने और विदेशों में अध्ययन करने के लिए मजबूर होते हैं.
अदालत ने साथ ही कहा कि यह वास्तविकता ऐसे में चिंता का कारण बन गई है जब यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के कारण हजारों भारतीय मेडिकल छात्रों को वापस लाया गया है और उन्होंने कॉलेजों में अपनी सीटें गंवा दी हैं.
उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी संतोष मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने की अनुमति देते हुए की. यह कॉलेज संतोष ट्रस्ट द्वारा संचालित और प्रबंधित किया जा रहा है, जिसे औपचारिक रूप से महाराजी एजुकेशनल ट्रस्ट के रूप में जाना जाता है.
जस्टिस रेखा पल्ली ने मंगलवार को पारित 41 पृष्ठों के फैसले में कहा, ‘मैं इस तथ्य पर गौर किए बिना नहीं रह सकती कि आकांक्षी छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले चिकित्सा संस्थानों की पर्याप्त संख्या की कमी के कारण, वे अक्सर अपने देश छोड़ने का विकल्प चुनने के लिए मजबूर होते हैं और विदेश में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.’