मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किया आंदोलनरत किसानों का समर्थन
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मलिक ने किसानों की दशा का जिक्र करते हुए कहा, “इन बेचारों की स्थिति आप देखिए. वे लोग जो चीज (फसल) उपजाते हैं, उसके दाम हर साल घट जाते हैं और जो चीजें खरीदते हैं, उनके दाम बढ़ते जाते हैं. उन्हें तो पता भी नहीं है कि वे गरीब कैसे होते जा रहे हैं. वे जब (बीज की) बुवाई करते हैं, तब दाम कुछ होता है और जब फसल काटते हैं तब वह 300 रुपये कम हो जाता है.” नये कृषि कानूनों को सही ठहराने के लिए भाजपा द्वारा दी जा रही दलील पर तंज करते हुए मलिक ने कहा, “बहुत शोर भी मचाया गया कि किसान दूसरी जगह कहीं भी (फसल) बेच सकते हैं. वह तो 15 साल पुराना कानून है, लेकिन उसके बावजूद मथुरा के किसान जब गेहूं लेकर पलवल जाते हैं तो उन पर लाठी चार्ज हो जाता है. सोनीपत का किसान जब नरेला जाता है, तो उस पर लाठी चार्ज हो जाता है.”
मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satyapal Malik) ने केंद्र के नये कृषि कानूनों (New agricultural laws) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों (Protesting farmers) का पक्ष लेते हुए रविवार को कहा कि जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट हो, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता. मलिक ने यहां गृह जनपद में अपने अभिनंदन समारोह में कहा कि यदि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे देती है, तो प्रदर्शनकारी किसान मान जाएंगे. उन्होंने कहा, “आज की तारीख में किसानों के पक्ष में कोई भी कानून लागू नहीं है. इस स्थिति को ठीक करना चाहिए. जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट होगा, वह देश आगे बढ़ ही नहीं सकता. उस देश को कोई बचा नहीं सकता. इसलिए, अपनी फौज और किसान को संतुष्ट करके रखिए.”More Related News