मुस्लिमों की ‘फैमिली प्लानिंग’ पर भ्रामक है असम के CM का दावा
The Quint
Assam। 'परिवार नियोजन' को लेकर मुस्लिमों के लिए की गई असम के सीएम का बयान भ्रामक है। हिमंता बिस्वा सरमा का बयान डेटा से अलग है। Assam CM's statement on 'family planning' for Muslims is misleading। There is discrepancy between statement and data।
असम में सरकार के 30 दिन पूरे करने पर, सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने गुरुवार, 10 जून को राज्य में मुस्लिम समुदाय से "परिवार नियोजन" के उपायों को अपनाने के लिए कहा.''प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरमा ने कहा, ''हम जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने के लिए अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. गरीबी और भूमि अतिक्रमण जैसी समस्याओं की अहम वजह अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि है. मुझे लगता है कि अगर मुस्लिम समुदाय बेहतर परिवार नियोजन उपायों को अपनाता है तो हम असममें बहुत सी सामाजिक समस्याओं को खत्म कर सकते हैं.''उन्होंने ये भी कहा कि उनकी सरकार जनसंख्या नियंत्रण को समझने के लिए मुस्लिम महिलाओं को शिक्षित करेगी. (नोट: इन बातों को आप वीडियो के 55 मिनट से लेकर 1 घंटें के बीच में सुन सकते हैं.)सिर्फ एक समुदाय पर सीएम की ओर से की गई टिप्पणी का कोई डेटा नहीं है. साथ ही, ये भी समझते हैं कि ये कथन भ्रामक क्यों हैं.इस आर्टिकल में हम ये समझने के लिए नीचे लिखे डेटा पॉइंट्स को देखेंगे कि सरमा का कथन भ्रामक क्यों है.राज्य में कुल प्रजनन दर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) क्या है और क्या यह अन्य समुदायों की तुलना में मुस्लिम महिलाओं में ज्यादा है?पिछले रुझान क्या कहते हैं?क्या इस बात के प्रमाण हैं कि विशेष रूप से असम में मुस्लिम समुदाय में खराब परिवार नियोजन है?ADVERTISEMENTअसम में टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) क्या है?कुल प्रजनन दर को महिला के प्रजनन काल की पूरी अवधि के दौरान प्रति महिला जन्म लेने वाले बच्चे की औसत संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है. दिसंबर 2020 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 (NFHS-5) के मुताबिक, असम में प्रजनन दर प्रति महिला 1.9 बच्चा है, जो 2.1 की प्रतिस्थापन दर (रिप्लेसमेंट रेट) से कम है.प्रतिस्थापन दर वह दर है जिस पर एक जनसंख्या बिना प्रवास (माइग्रेशन) के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में अपने आप को बदल लेती है. यानी कितने बूढ़े लोगों की मौत हुई और उनकी खाली जगह भरने के लिए कितने बच्चे पैदा हुए.असम में कुल प्रजनन दर (TFR) 1992-1993 में 3.5 [NFHS-1] से घटकर 2019-2020 [NHFS-5] में 1.9 हो गई है.NFHS-5 के परिणामों के मुताबिक, "मुस्लिम महिलाओं [असम में] में हिंदू महिलाओं की तुलना में औसतन 0.8 बच्चे ज्यादा हैं (1.6 की तुलना में 2.4 का TFR) और ईसाई महिलाओं (1.5) की तुलना में 0.9 बच्चे ज्य...More Related News