मुसलमान ज़्यादा पिछड़े या ईसाई, क्या केरल खोज पाएगा इस सवाल का जवाब?
BBC
केरल में कौन ज़्यादा पिछड़ा है- मुसलमान या ईसाई? इस सवाल के जवाब ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्कॉलरशिप के मुद्दे पर केरल के राजनीतिक दलों को पशोपेश में डाल दिया है.
केरल में कौन ज़्यादा पिछड़ा है- मुसलमान या ईसाई? इस सवाल के जवाब ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्कॉलरशिप के मुद्दे पर केरल के राजनीतिक दलों को पशोपेश में डाल दिया है. न तो सीपीएम की अगुवाई वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट इन दोनों अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अपना संबंध ख़राब करना चाहता है क्योंकि मुसलमान और ईसाई लोग राज्य की आबादी का 46 फीसदी हिस्सा हैं. राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों की चुनावी अहमियत को देखते हुए सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने ये फ़ैसला किया है कि वो केरल हाई कोर्ट के फ़ैसले का कड़ाई से पालन करेगी. केरल हाई कोर्ट ने मुसलमान और ईसाई छात्रों के बीच स्कॉलरशिप का बंटवारा 80:20 के अनुपात करने के साल 2015 के सरकारी आदेश को खारिज कर दिया था. राजनीतिक विश्लेषक और केरल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर जे प्रभाष बीबीसी हिंदी को बताते हैं, "केरल के राजनीतिक गठबंधन हाई कोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देना चाहते हैं क्योंकि कोई भी पक्ष दोनों में से किसी भी समुदाय का समर्थन खोने का जोख़िम उठाने की स्थिति में नहीं हैं."More Related News