मुर्तजा का दोस्त है सहारनपुर से हिरासत में लिया गया इमाम, गोरखनाथ मंदिर पर हमले के दिन दोनों की हुई थी बात
AajTak
रहमान, सहारनपुर के फतेहपुर इलाके की मस्जिद में इमामत करता है, साथ ही एक छोटी मोबाइल की दुकान भी चलाता है. अहमद मुर्तजा का मामला काफी पेचीदा होता जा रहा है, वह आईएसआईएस के सीधे संपर्क में पहुंचने के लिए बड़े आतंकी हमलों की प्लानिंग कर रहा था और वह और लड़कों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुड़ा था.
गोरखनाथ मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि सहारनपुर से हिरासत में लिया गया इमाम अब्दुल रहमान मुख्य आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी का दोस्त है. मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले के दिन अहमद मुर्तजा अब्बासी ने अब्दुल रहमान से फोन पर बात भी की थी.
दरअसल, अब्बासी की कॉल डिटेल के आधार पर यूपी एटीएस की टीम ने अब्दुल रहमान को सहारनपुर से हिरासत में लिया था. एटीएस की टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रहमान और अहमद मुर्तजा अब्बासी एक ही मॉड्यूल पर काम कर रहे थे.
रहमान सहारनपुर के फतेहपुर इलाके की मस्जिद में इमामत करता है, साथ ही एक छोटी मोबाइल की दुकान भी चलाता है. अहमद मुर्तुजा का मामला काफी पेचीदा होता जा रहा है, वह आईएसआईएस के सीधे संपर्क में पहुंचने के लिए बड़े आतंकी हमलों की प्लानिंग कर रहा था और वह और लड़कों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुड़ा था.
क्या है मामला?
गोरखनाथ मंदिर में एक शख्स ने सुरक्षा में तैनात पुलिसवालों पर हमला कर दिया था. आरोपी का नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है. उसने मंदिर के पास मौजूद लोगों को धारदार हथियार से डराने की कोशिश की थी. आरोप है कि मुर्तजा ने हमले के दौरान अल्लाह-हू-अकबर का नारा भी लगाया. उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि इस मामले में आतंकी साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इस मामले में यूपी एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है.
क्यों किया हमला?
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.