मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत की नहीं, शामली की 7 महीने पुरानी है ये फोटो
The Quint
Farmers Protest Photo Fact Check। किसान महापंचायत की ये फोटो हाल की नहीं, 7 महीने पुरानी है। ये फोटो मुजफ्फरनगर महापंचायत की नहीं, शामली की है। 7 months old pic from kisaan mahapanchayat shared as recent। Photo is from Shamli not Muzaffarnagar
मुजफ्फरनगर में रविवार, 5 सितंबर को किसानों की महापंचायत हुई. जिसमें हजारों किसानों ने हिस्सा लिया. लेकिन इसके तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर भीड़ दिखाती एक फोटो शेयर होने लगी. फोटो को इस महापंचायत की बता शेयर किया जा रहा है.हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये फोटो हाल की नहीं बल्कि करीब 7 महीने पुरानी है और शामली की है, जब तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने बैठक की थी.दावाइस फोटो को Tribal Army के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. कैप्शन में लिखा गया है, ''Support Farmers & Farmer's Protest''.साथ ही, #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत और #FarmersProtest #Muzaffarnagar हैशटैग भी इस्तेमाल किए गए हैं.पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)स्टोरी लिखे जाने तक इस ट्वीट को 2200 से भी ज्यादा रिट्वीट और करीब 5500 लाइक मिल चुके हैं.Seema Meena नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, ''मुजफ्फरनगर में "खेला होबे खेला"👍 मैदान ही छोटा पड़ गया धरापुत्रो की भीड़ से। #हमारा_आगाज_किसान_राज #FarmersProtest #KisanMahaPanchayat''. इस ट्वीट का आर्काइव आप यहां देख सकते हैं. ये फोटो National Herald ने भी 5 सितंबर के महापंचायत से जुड़ी अपनी एक रिपोर्ट में इस्तेमाल किया है. इसके अलावा, और भी कई यूजर ने इस फोटो को मुजफ्फरनगर महापंचायत की बता शेयर किया है. जिनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.ADVERTISEMENTपड़ताल में हमने क्या पायाहमने फोटो को Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. सर्च रिजल्ट में हमें The Tribune का 5 फरवरी का एक आर्टिकल मिला, जिसमें इसी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस फोटो के लिए PTI को क्रेडिट दिया गया था.ये आर्टिकल 5 फरवरी को पब्लिश हुआ था(सोर्स: स्क्रीनशॉट/वेबसाइट/The Tribune)इसकी हेडलाइन थी, ''Defying prohibitory orders, thousands converge for ‘kisan mahapanchayat’ in UP’s Shamli'' यानी निषेधाज्ञा की अवहेलना करते हुए यूपी के शामली में हुई महापंचायत में हजारों किसाने इकट्ठा हुए.आर्टिकल के मुताबिक, इस महापंचायत का आयोजन शामली में RLD ने किया था. ये महापंचायत सरकार द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में बिठाई गई थी, जिसमें हजारों किसान धारा 144 लागू होने के बावजूद शामिल हुए थे.आर्टिकल में ये भी बताया गया था कि मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह चौथी बड़ी किसान बैठक थी.ADVERTISEMENTइस आर्टिकल में इ...More Related News