मुजफ्फरनगर दंगा मामले में अदालत ने सबूतों के अभाव में 20 आरोपियों को बरी किया
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अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश बाबूराम ने मुल्जिमों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत उपलब्ध नहीं करा सका.
मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगों के संबंध में यहां एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सबूतों की कमी होने के आधार पर 20 लोगों को बरी कर दिया. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश बाबूराम ने मुल्जिमों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत उपलब्ध नहीं करा सका. अभियोजन के मुताबिक, दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने, आठ सितंबर 2013 को जिले के कुटबी गांव में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर कई घरों को आग लगाने और लूटने के इल्जाम में 21 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एक आरोप पत्र दायर किया था.
510 मामले में 98 में आ चुका है फैसला मामले की सुनवाई के दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी. अब तक इस दंगे के संबंध में दर्ज 98 मामलों में निर्णय आ चुका है जिसमें 1,137 आरोपी साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण बरी किए गए हैं. पुलिस ने दंगे के संबंध में 510 मामले दर्ज किए थे और 1,480 लोगों को गिरफ्तार किया था.