मुंबईः 7 साल की उम्र में अपहरण, 9 साल बाद घर वापसी, हैरान कर देगी केस नंबर 166 की कहानी
AajTak
जिस घर की छोटी सी बेटी 9 सालों तक घर से गायब रही. जिसका इंतज़ार करते-करते मां की आंखें पथराने लगी और जिसके गम में उसका बाप दुनिया छोड़ कर चला गया, जब उस घर की बेटी अचानक इतने सालों के बाद अपने घर वापस लौट आए, तो घर में खुशियों का लौटना तो लाजिमी है.
मुंबई के एक पुलिस अफसर को गुमशुदा बच्चों को तलाश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. उस अफसर ने अपनी नौकरी के दौरान 165 बच्चों को ढूंढ निकाला. मगर केस नंबर 166 एक ऐसा मामला था, जिसे वो अफसर सुलझा नहीं पाया. क्योंकि इससे पहले ही वो अफसर रिटायर हो गया. फिर भी पुलिस केस नबंर 166 को सुलझाने की कोशिश में लगी रही. ये केस एक 7 साल की बच्ची से जुड़ा था, जिसे साल 2013 में अगवा कर लिया गया था लेकिन 2022 में एक करिश्मा हो गया..
9 साल बाद लौटकर आई बेटी मुंबई के अंधेरी वेस्ट का गिर्लबर्ट हिल इलाका, जहां रहनेवाले एक परिवार की खुशियां ऊपरवाले ने मानों एक ही झटके में वापस लौटा दी. जिस घर की नन्हीं सी बेटी 9 सालों तक घर से गायब रही. जिसका इंतज़ार करते-करते मां की आंखें पथराने लगी और जिसके गम में उसका बाप दुनिया छोड़ कर चला गया, जब उस घर की बेटी अचानक इतने सालों के बाद अपने घर वापस लौट आए, तो घर में खुशियों का लौटना तो लाजिमी है. गौड परिवार के साथ फिलहाल कुछ ऐसा ही हुआ है. ये परिवार कभी अपनी बेटी को गले लगाता है, तो कभी उनकी आंखों से खुशियों के आंसू बहने लगते हैं.
बेटी के वियोग में चली गई पिता की जान बस, इतनी खुशियों के बावजूद अगर किसी बात की खलिश है, तो वो है इस परिवार के मुखिया यानी बचपन में ही लापता हो चुकी पूजा के पिता का इस दुनिया से दूर चला जाना. घरवालों की मानें तो पूजा के गुम होने जाने के गम में उसके पिता संतोष गौड ने ठीक से खाना-पीना तक छोड दिया था. फिर वो शराब और दूसरे तमाम तरह के नशों में इस कदर डूबे कि उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी ने घेर लिया और आखिरकार इसी बीमारी ने ही उनकी जिंदगी लील ली. संतोष के बेटा यानी पूजा का भाई अपनी बहन की घर वापसी पर खुश तो बहुत है, लेकिन उसे इस बात का गम है कि अब पूजा को देखने के लिए उसके पिता ही इस दुनिया में नहीं हैं.
लापता होने की दर्दनाक कहानी कहते हैं वक्त हर जख्म भर देता है. भरता होगा शायद. लेकिन सच्चाई तो ये है कि अपनी बेटी को जीते-जी खो देनेवाले गौड परिवार का जख्म कभी नहीं भरा. वो पूरे नौ सालों तक अपनी बेटी की तलाश करते रहे. दर-दर की ठोकरें खाते रहे और शायद जब उनकी उम्मीद टूटने लगी थी, तब अचानक एक रोज़ करिश्मा हो गया. पूजा के गायब होने की कहानी जितनी दर्दनाक है, उसके अचानक से मिल जाने की कहानी भी उतनी हैरान करनेवाली है. जिसे जानकर आप सभी दंग रह जाएंगे.
आईसक्रीम के बहाने अपहरण बात साल 2013 की है. जब 7 साल की पूजा अपने भाई के साथ सुबह स्कूल के लिए निकली थी. रास्ते में उसका अपने भाई से आईसक्रीम के पैसों को लेकर झगड़ा हो गया. अब वो अपने भाई से दूर हट कर चलने लगी और बस इसी मौके का फायदा उस दंपति ने उठाया, जो ऐसी किसी बच्ची को अगवा करने के फिराक में वहां घूम रहे थे. उन्होंने पूजा को आईसक्रीम दिलाने के बहाने अपने पास बुलाया और अगवा कर लिया. फिर तो वो पूजा को लेकर अपने साथ अलग-अलग जगहों पर घूमते रहे. कहानी ये थी कि दंपति को कोई बच्चा नहीं था और वो पूजा को बेटी की तरह पालना चाहते थे.
कराने लगे थे घर के सारे काम लेकिन कहते हैं ना कि अपने तो फिर अपने होते हैं. पूजा को अगवा तो किया गया था कि बेटी का प्यार देने के लिए लेकिन जल्द ही उस दंपत्ति ने पूजा के साथ किसी खरीदे गए गुलाम की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया. उससे घर का सारा काम-काज कराने लगे, मारने पीटने लगे, लोगों से मिलने-जुलने और बाहर निकलने तक पर पाबंदी लगा दी गई.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.