![मीना कुमारी ने जब चाकू से डाकू के हाथ पर ऑटोग्राफ़ दिया- विवेचना](https://ichef.bbci.co.uk/news/1024/branded_hindi/BDDF/production/_117770684_meena2.jpg)
मीना कुमारी ने जब चाकू से डाकू के हाथ पर ऑटोग्राफ़ दिया- विवेचना
BBC
आज ही के दिन मीना कुमारी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उन्हें याद कर रहे हैं रेहान फ़ज़ल.
निर्माता निर्देशक केदार शर्मा की एक ख़ास बात थी कि जब भी वो किसी कलाकार के काम से ख़ुश होते थे तो उसे पुरस्कार स्वरूप एक दुअन्नी दिया करते थे. बाद में उन्होंने इस पुरस्कार का स्तर बढ़ा कर चवन्नी कर दिया था. फ़िल्म 'चित्रलेखा' की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी ने केदार शर्मा से कहा कि शर्माजी मेरे पास आपकी दुअन्नी और चवन्नियों की बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई है. अब आप अपना रेट बढ़ा दीजिए और सचमुच एक दिन उन्होंने एक सीन में मीना कुमारी के अभिनय से ख़ुश हो कर उन्हें सौ रुपए का नोट ईनाम में दिया. मीना कुमारी की पूरी ज़िंदगी सिनेमा के पर्दे पर भारतीय औरत की 'ट्रैजेडी' को उतारते हुए गुज़री, यहाँ तक कि उन्हें अपनी ख़ुद की निजी ट्रैजेडी के बारे में सोचने का वक्त ही नहीं मिला. लेकिन ये कहना कि मीना कुमारी के अभिनय में 'ट्रैजेडी' के अलावा और कोई 'शेड' नहीं था, उनके साथ बेइंसाफ़ी होगी. फ़िल्म 'परिणिता' की शांत बंगाली अल्हड़ नवयौवना को लें, या 'बैजू बावरा' की चंचल हसीन प्रेमिका को लें, या फिर 'साहब बीबी और गुलाम' की सामंती अत्याचार झेलने वाली बहू हो या 'पाकीज़ा' की साहबजान, सभी ने भारतीय जनमानस के दिल पर अमिट छाप छोड़ी है.More Related News