मीडिया के विशेष संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट
The Wire
आंध्र प्रदेश के दो तेलुगू न्यूज़ चैनलों के ख़िलाफ़ दर्ज राजद्रोह के मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की आज़ादी और मीडिया के अधिकारों के संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की व्याख्या की समीक्षा करेगी.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह विशेषकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के अधिकारों के संदर्भ में राजद्रोह कानून की व्याख्या की समीक्षा करेगा. न्यायालय ने कथित राजद्रोह को लेकर दो तेलुगू समाचार चैनलों टीवी 5 और एबीएन आंध्रज्योति के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर सोमवार को रोक लगा दी. गौरतलब है कि राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू के बयान को प्रसारित करने के संबंध में राज्य के टीवी5 और एबीएन आंध्रा ज्योति समाचार चैनलों पर मामला दर्ज किया गया है. बीते अप्रैल में राजू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को दी गई जमानत खारिज करने की मांग की थी.More Related News