मिट्टी बचाने निकले सदगुरु ने कहा- सभी मंदिरों को दोबारा बनाना व्यावहारिक नहीं लेकिन...
BBC
सदगुरु ने यह भी कहा है कि कई ऐसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थान हैं जिनसे लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. ऐसे मामलों को आपसी बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए.
आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा है कि अतीत में गिराए गए सभी मंदिरों को दोबारा बनाना व्यावहारिक नहीं है.
अपने अनुयायियों के बीच सदगुरु के नाम से जाने जाने वाले जग्गी वासुदेव ने बीबीसी से विशेष बातचीत में कहा, "भारत ऐसा देश है जहाँ अक्सर हर सड़क पर एक से ज़्यादा मंदिर होते थे. हमलों के दौरान क्या उन्हें गिराया गया? हाँ, गिराया गया. तो क्या आप सभी को दोबारा बनाएंगे? ये असंभव है, क्योंकि आपको इसके लिए पूरे देश को दोबारा खोदना पड़ेगा. ये व्यावहारिक नहीं है."
उन्होंने कहा कि कुछ प्रतिष्ठित जगहे हैं जिनके बारे में उन्हें लगता है कि लोगों को बैठकर बातचीत करके मामले को हल करना चाहिए.
जग्गी वासुदेव ने कहा, "मैं कुछ परिवारों को जानता हूं जिन्होंने उस वक्त कष्ट देखे और उन्हें अभी भी याद है कि उनके पूर्वजों ने क्या परेशानियां झेलीं. वो आपस मे बात करते हैं कि उन्होंने क्या देखा. जब वो दिल्ली में औरंगजेब रोड देखते हैं, उन्हें दर्द होता है. ये कुछ ऐसा है कि आप इसराइल जाकर एडोल्फ़ हिटलर रोड बनवाएँ. इससे उन्हें गहरा दुख होगा. तो क्या हम इतिहास दोबारा लिखें? क्या हम हिटलर को भूल जाएँ?
"आप हिटलर को नहीं भूल सकते क्योंकि वो हमारे ज़हन में है. उसी तरह औरंगज़ेब का नाम हमारी इतिहास की किताबों मे हो सकता है कि औरंगजेब ने क्या किया. आपको दिल्ली में औरंगजेब को श्रद्धांजलि देने की ज़रूरत नहीं है, जिससे लोगों को दुख होता है. इसलिए इन बातों को आप सुधारें क्योंकि आप बाकी चीज़ों के बारे में कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हज़ारों मंदिरों को बर्बाद किया गया था. क्या आप उन्हें दोबारा बना सकते हैं? क्या आप उन्हें दोबारा बनाने के योग्य हैं? क्या ये ज़रूरी है? नहीं, ज़िंदगी ऐसे नहीं चलती. आपके साथ अतीत में कुछ बातें बुरी हुई हैं. आपको उन्हें पीछे छोड़ना होगा."