मिट्टी के बर्तन में बना भोजन देता है भरपूर पोषण, आहार के साथ पात्र के साथ क्या है गहरा संबंध
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Pots : आर्युवेद के अनुसार यदि भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसको धीरे-धीरे पकाना चाहिए. मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने में समय ज्यादा लगता है लेकिन यह सेहत के लिए लाभदायक होता है.
Pots : जीवन जीने के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत आहार है. किस प्रकार का आहार हो इसके विषय पर शास्त्रों में काफी कुछ बताया गया है. आहार के अतिरिक्त किस पात्र में इसका सेवन किया जाए इसकी भी बहुत महत्ता बताई गई है. पात्र शब्द का अर्थ बहुत गूढ़ है शास्त्र सदैव ही सुपात्र पर ही जोर देते रहे हैं. अलग अलग धातु के पात्र में भोजन करने के गुण व दोष भी होते हैं. सुपात्र में भोजन किया जाए तो इसकी सकारात्मकता सुखमय और शांति प्रदान करने वाली होती है. पात्र यानी बर्तनों का विशेष महत्व होता है. जिसमें खाना पकाया व खाना खाया जाता है. तो आइए जानते है किस धातु में खाना बनाना और खाना देता है पोषण -
स्मरण शक्ति को बढ़ाता है तांबातांबे के बर्तन में पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण शक्ति अच्छी रहती है. तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है, जिससे लीवर संबंधी समस्या दूर होती है. जितना इस बर्तन में रखा पानी को पीना लाभप्रद होता है, उतना ही इसमें रखा दूध पीना हानिकारक. यह शरीर को नुकसान पहुंचाता है.