मिजोरम आए बांग्लादेशी शरणार्थी कौन हैं, सरकार उन्हें क्यों बसा रही है? : आज का दिन, 30 नवंबर
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बांग्लादेशी शरणार्थियों को सरकार मिज़ोरम में क्यों बसा रही है, भारत-अमेरिका का मिलेटरी एक्सरसाइज दोनों देशों के लिए क्यों है ज़रूरी और लोन ग्रोथ का बढ़ना क्या इकॉनमी के लिए है अच्छी ख़बर? सुनिए 'आज का दिन' में.
पूरी दुनिया में इस वक्त शरणार्थियों की समस्या बनी हुई है. भारत में भी सीएए के हवाले से इसके पक्ष विपक्ष में कोई न कोई बयान आता ही रहता है. इसी समय मिजोरम से एक खबर आई है. मिजोरम सरकार के अधिकारियों ने कल बताया कि राज्य में आने वाले हफ्तों में बांग्लादेश से और शरणार्थियों के आने की उम्मीद है और राज्य में उसकी तयारियाँ चल रही हैं. दरअसल ये शरणार्थी बांग्लादेश के वो आदीवासी लोग हैं जिन्हें कुकी चीन मिजो कहा जाता है. बांग्लादेश सरकार से इनका टसल चल रहा है. इसी 20 नवंबर को मिजोरम कैबिनेट ने इन शरणार्थियों को भोजन और ठिकाना देने की मंजूरी दी थी. ये मंजूरी उनके लिए थी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर ली थी. हजारों की संख्या में इन शरणार्थियों को बांग्लादेश से आने की जरूरत क्यों पड़ी, ये कौन हैं और वहाँ की सरकार से क्या टसल है इनका? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
---------------------------------------- उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका की दोनों सेनाओं का अभ्यास चल रहा है. दोनों देशों की सेनाओं का ये अभ्यास 2 दिसंबर तक चलेगा. वैसे भारत और अमेरिका के बीच ये अभ्यास हर साल होता है. एक साल इसे अमेरिका आयोजित करता है तो एक साल भारत. पिछले साल ये अलास्का जो एक अमेरिकी शहर है वहाँ आयोजित की गई थी. उत्तराखंड के औली का ये अभ्यास जगह के लिहाज से भी अहम कहा जा रहा है. औली उत्तरांखड से सटे चीन बॉर्डर और भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है. और ये इलाका एक अरसे से विवादित है. गलवान में हुई हिंसा के बाद इस इलाके में चीन की गतिविधियां भी बढ़ी थीं. हालांकि दोनों सेनाओं के बीच का ये अभ्यास मूल रूप से इस लिए आयोजित किया जाता है ताकि दोनों सेनाएं एक दूसरे से जरूरी तकनीक सीख सकें . इस बार इस अभ्यास में वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी हैं. और कई चीजें नई हैं. इस सैन्य अभ्यास में क्या हो रहा है और दोनों सेनाओं का मेनली किन चीजों पर फोकस है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
--------------------------------- मई से ही लगातार आरबीआई रेपो रेट में इजाफा कर रहा है. लोन्स पर इंटरेस्ट रेट बढ़ता जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद साल 2023 में देश की क्रेडिट लिमिट यानी लोन ग्रोथ में इजाफा हुआ है. आरबीआई के अनुसार साल 2022 में जो लोन ग्रोथ 11.5 परसेंट था, इस साल 13 परसेंट हो गया है. पिछले कुछ दिनों में जब जब आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाए,लोन्स लिए लोगों के लिए इंटरेस्ट रेट में इजाफा हुआ. आरबीआई की दलील थी कि महंगाई से निपटने के लिए रेपो रेट में इज़ाफ़ा ज़रूरी है. लेकिन इससे लोगों के कर्ज़ों पर फर्क पड़ेगा - ये तय ही था. लेकिन अब लोन्स के ग्रोथ में ये इजाफा उन अनुमानों के ठीक उलट है। इसकी वजह क्या है और इकोनॉमी के दुनिया के वो फैक्टर्स क्या हैं जिनकी वजह से लोन ग्रोथ बढ़ा है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संभल हिंसा पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पाठक ने बताया कि घटनास्थल पर पाकिस्तान निर्मित बंदूक के खोखे मिले हैं, जो चिंता का विषय है. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है. देखें VIDEO
भारतीय नौसेना के लिए चार दिसंबर का दिन खास है क्योंकि यह नौसेना दिवस है और इसे पहली बार ओडिशा के पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर मनाया जा रहा है. इस भव्य आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं. इस मौके पर भारतीय नौसेना ने घोषणा की है कि वे 26 राफेल लड़ाकू विमान और 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बी की डील पूर्ण करने के करीब हैं. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी से आज तक ने खास बातचीत की है.
स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल पर एक हमले की घटना घटी जब वे वहां सेवा कर रहे थे. एक शूटर ने चालाकी से हमला किया लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने सही समय पर उसे विफल कर दिया. शूटर की गोली गुरुद्वारे की दीवार पर लगी. हमलावर नारायण सिंह खालिस्तान से जुड़ा पाया गया. उसने पहले बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए काम किया था. अचानक हुए इस हमले के बाद, पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया. सुखबीर बादल हमले के वक्त नीले वस्त्र में दिखाई दिए. इस घटना ने सिख समुदाय में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है.
शिरोमणि अकाली दल के चीफ सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह का खतरनाक अतीत सामने आया है. अमृतसर पुलिस के अनुसार, नारायण सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा है. 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने वाला नारायण 2004 के बुडेल जेल ब्रेक में भी शामिल था. देखें पूरी क्राइम कुंडली
एकनाथ शिंदे अब अपनी शिवसेना के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. शिंदे ने बताया कि वह आज रात तक तय कर लेंगे कि वह फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं. यानी अभी तक यह साफ नहीं है कि वह डिप्टी सीएम के तौर पर सरकार में शामिल होंगे या नहीं. राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट है कि पार्टी नेताओं के साथ बाचतीत के बाद शिंदे बड़ा ऐलान कर सकते हैं.