
मासूम चेहरा, खूनी इरादे और बिन लादेन की फैन... 400 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है ये महिला आतंकी
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सामंथा लुईस ल्यूथवेट का जन्म 5 दिसंबर 1983 को बैनब्रिज, काउंटी डाउन, उत्तरी आयरलैंड में हुआ था. उसने जर्मेन मौरिस लिंडसे उर्फ अब्दुल्ला शहीद जमाल के साथ शादी की थी, जो उम्र में सामंथा से 2 साल छोटा था. वो 7 जुलाई 2005 को लंदन शहर की मेट्रो में भीषण धमाके के दौरान मारा गया था.
दुनिया में कई आतंकी हैं, जिनके नाम से इंसानियत खौफ खाती है. जिनका नाम ही आतंक का दूसरा नाम है. लेकिन एक नाम ऐसा भी है, जिसे खूबसूरत बला कहें तो गलत ना होगा. हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की एक कुख्यात महिला आतंकवादी की. जिसका नाम था सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया. जिसने एक दशक के दौरान आतंक की दुनिया में खासी शोहरत हासिल कर ली थी. जिसके नाम से अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते थे.
कौन है 'व्हाइट विडो' सामंथा लुईस ल्यूथवेट का जन्म 5 दिसंबर 1983 को बैनब्रिज, काउंटी डाउन, उत्तरी आयरलैंड में हुआ था. उसने जर्मेन मौरिस लिंडसे उर्फ अब्दुल्ला शहीद जमाल के साथ शादी की थी, जो उम्र में सामंथा से 2 साल छोटा था. उसका जन्म 23 सितंबर 1985 को हुआ था. जबकि वो 7 जुलाई 2005 को उस वक्त मारा गया था, जब उसने 3 अन्य आतंकियों के साथ मिलकर लंदन शहर की लाइफ लाइन 'ट्यूब' यानी मेट्रो में भीषण धमाका किया था. तभी से सामंथा अपने पति के मिशन को पूरा करने में जुट गई थी.
सामंथा के कई नाम सामंथा को असमंतरा, शेराफिया, शेराफिया लेउथवेट, नताली वेब, अस्मा शाहिदाह बिंट-एंड्रयूज और 'व्हाइट विडो' के नाम से जाना जाता था. आतंक की दुनिया में सामंथा ल्यूथवेट को ही 'व्हाइट विडो' नाम से जाना जाता था. उसकी पहचान एक ऐसी गोरी महिला के तौर पर की जाती थी, जिसने अफ्रीकी देशों में मौत का खेल खेलने में महारत हासिल कर ली थी.
आतंक की दुनिया में खास पहचान लंदन धमाकों के 6 साल बाद, यानी साल 2011 में एजेंसियों को जानकारी मिली थी सामंथा ल्यूथवेट केन्या के मोम्बासा शहर में रह रही थी. असल में वो पति के मिशन को पूरा करना चाहती थी. यही वजह थी कि 6 सालों में ल्यूथवेट ने आतंक की दुनिया में अपनी खास पहचान बना ली थी. धीरे-धीरे उसके रिश्ते सोमालिया के आतंकी संगठन अल शबाब के साथ बन गए थे. इसी के बाद उसका नाम शेराफिया हो गया था.
कई आतंकी हमलों में शामिल थी सामंथा ब्रिटेन की कुख्यात महिला आतंकवादी सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया पर 400 लोगों की हत्या करने के संगीन इल्जाम था. महज यही नहीं, वो सोमालिया और केन्या में आतंकवादी गतिविधियों, आत्मघाती हमलों और कार बम धमाकों में भी शामिल रही थी.
18 मई 2015 वो सोमवार का दिन था. उस दिन अचानक कई मीडिया रिर्पोट्स में आधिकारिक सुरक्षा सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि अप्रैल 2015 में केन्या यूनिवर्सिटी पर जो खौफनाक हमला हुआ था, उसके पीछे आतंकी सामंथा ल्यूथवेट उर्फ शेराफिया का ही हाथ था. उस हमले के दौरान 148 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी.

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