मामन खान को 2 केस में मिली जमानत फिर भी जेल में ही रहेंगे विधायक, जानिए क्यों
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मम्मन खान मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल ने फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका पर अपना आदेश शाम 4 बजे तक सुरक्षित रख लिया. ''अदालत के फैसले ने कांग्रेस नेता को एफआईआर संख्या 149, 150 में जमानत दे दी.
नूंह हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कांग्रेस विधायक मम्मन खान को शनिवार को यहां एक अदालत ने दो मामलों में जमानत दे दी. पुलिस ने यह जानकारी दी. हालाँकि, खान जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें नूंह हिंसा से संबंधित दो अन्य मामलों में अभी तक जमानत नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख तीन अक्टूबर तय की है. उधर, राजस्थान के डीग जिले में कामा कोर्ट ने मोनू मानेसर की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है. खारिज होने के बाद अब मोनू के वकील हाई कोर्ट में अपील करेंगे.
मम्मन खान मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को बता दें कि मम्मन खान मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल ने फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक की जमानत याचिका पर अपना आदेश शाम 4 बजे तक सुरक्षित रख लिया. ''अदालत के फैसले ने कांग्रेस नेता को एफआईआर संख्या 149, 150 में जमानत दे दी. लेकिन नगीना थाने की एफआईआर 137, 148 में खान को अभी तक जमानत नहीं मिली है. खान के वकील ताहिर हुसैन देवला ने कहा, "इस वजह से उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा और जमानत पर अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को तय की गई है."
15 सितंबर को गिरफ्तार हुए थे कांग्रेस विधायक खान को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. उनके वकील ने दलील दी कि एसआईटी के आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जांच के दौरान विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि रिमांड अवधि के दौरान भी आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं किया.
31 जुलाई को हुई थी नूंह हिंसा 31 जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में एक धार्मिक जुलूस पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. इस घटना और उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोग मारे गए थे. गुरुग्राम से सटे एक मस्जिद पर हुए हमले में एक मौलवी की मौत हो गई.
कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने आरोप लगाया था कि उसके विधायक को "राजनीतिक द्वेष" के कारण गिरफ्तार किया गया था और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में नूंह हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की गई थी.
मोनू मानेसर की जमानत याचिका खारिज भिवानी हत्याकांड में बीते 12 सितंबर को गिरफ्तार हुए मोनू मानेसर की राजस्थान के डीग जिले में कामा कोर्ट में 15 दिन के न्यायिक हिरासत के बाद शनिवार को जमानत याचिका दायर की गई. जहां कोर्ट ने मोनू मानेसर की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है. खारिज होने के बाद अब मोनू के वकील हाई कोर्ट में अपील करेंगे. हाईकोर्ट जाएंगे मोनू मानेसर के वकील मोनू मानेसर के वकील एलएन पाराशर ने बताया कि 15 दिन की न्यायिक हिरासत के बाद आज हम काम कोर्ट में आए हैं और मोनू मानेसर की जमानत याचिका दायर की है. यदि जमानत याचिका खारिज कर दी जाती है तो हम राजस्थान हाई कोर्ट जाएंगे. मोनू मानेसर के परिजनों ने मोनू की जान का खतरा बताया है जिसको लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और मोनू मानेसर का केस राजस्थान से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की अपील करेंगे.
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