मानस मंत्र: सिअनि सुहावनि टाट पटोरे, प्रभु की कृपा से टाट पर भी सुहावनी लगती है रेशम की सिलाई
ABP News
Chaupai, ramcharitmanas : श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की रचना तुलसीदास जी अनन्य भगवद् भक्त के द्वारा की गई है. मानस मंत्र के अर्थ को समझते हुए मानस की कृपा से भवसागर पार करने की शक्ति प्राप्त करते हैं -
Motivational Quotes, Chaupai, ramcharitmanas: रामचरितमानस के बालकाण्ड में तुलसीदास जी ने तीन प्रकार के कवियों की वंदना की है व्यास आदि बड़े-बड़े कवि जो सतयुग, त्रेता, द्वापर में हुए है उनकी वंदना प्रथम की फिर कलियुग में जो संस्कृत के कवि कालिदास, भवभूति आदि हुए हैं उनकी वंदना करते है. तीसरी शैली में भाषा के कवियों को प्राकृत कवि कहकर सुचित किया है, और अंत में भाषा के कवियों की वंदना की है.
एहि प्रकार बल मनहि देखाई ।
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