मानस मंत्र: रामचरित चिंतामनि चारू, प्रभु श्रीराम जगत का कल्याण करने वाले, देते हैं मुक्ति, धन, धर्म और धाम
ABP News
Chaupai, ramcharitmanas: श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की रचना तुलसीदास जी अनन्य भगवद् भक्त के द्वारा की गई है. मानस मंत्र के अर्थ को समझते हुए मानस की कृपा से भवसागर पार करने की शक्ति प्राप्त करते हैं -
Motivational Quotes, Chaupai, Ramcharitmanas: तुलसीदास जी श्री राम जी की वंदना करते हुए कहते हैं चार फलों में से तीन अर्थ, धर्म और मोक्ष तो प्रदान करते हैं. साथ ही श्रीहरि धाम भी देते हैं. जीवन के हर क्षेत्र के अवगुणों और संकटों को हर लेते हैं श्रीराम. गोस्वामी जी ने लोभ को अपार समुद्र कहा है, क्योंकि जैसे जैसे लाभ होता जाता है वैसे वैसे लोभ भी बढ़ता है. यह लोभ इच्छापूर्ति होने पर भी नहीं जाता है. श्रीरामचरित ही एक उपाय है जो अगस्त्य जी की तरह लोभ रूपी समुद्र को हर लेते हैं. मानस से ही संतोष प्राप्त होता है. इसको विस्तार से समझते हैं. - रामचरित चिंतामनि चारू । संत सुमति तिय सुभग सिंगारू ।। जग मंगल गुनग्राम राम के । दानि मुकुति धन धरम धाम के ।।
श्री रामचन्द्र जी का चरित्र सुन्दर चिन्ता मणि है और संतों की सुबुद्धि रूपी स्त्री का सुन्दर शृङ्गार है. श्री रामचन्द्र जी के गुण समूह जगत् का कल्याण करने वाले और मुक्ति, धन, धर्म और परम धाम के देने वाले हैं.