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मानस मंत्र: निर्गुण और सगुण से भी ऊपर है राम नाम महिमा, राम नाम के जाप से होते हैं सब दुख दूर
ABP News
Chaupai, ramcharitmanas : श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की रचना तुलसीदास जी अनन्य भगवद् भक्त के द्वारा की गई है. मानस मंत्र के अर्थ को समझते हुए मानस की कृपा से भवसागर पार करने की शक्ति प्राप्त करते हैं -
Motivational Quotes, Chaupai, ramcharitmanas : गोस्वामी तुलसीदास जी नाम महिमा के क्रम को आगे बढ़ाते हैं. सगुण और निर्गुण ब्रह्म के विषय को बताते हुए अंत में राम नाम की महिमा का वर्णन किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनको जो ईश्वर की प्राप्ति हुई है वह न निर्गुण से और न सगुण से वह तो केवल नाम द्वारा हुई है. वह नाम को ही सबसे बड़ा मानते हैं.
अगुन सगुन दुइ ब्रह्म सरूपा। अकथ अगाध अनादि अनूपा।। मोरें मत बड़ नामु दुहू तें। किए जेहिं जुग निज बस निज बूतें।।
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