
मानस मंत्र: करतब बायस बेष मराला, बाहर से अच्छे भीतर से कपटी होते हैं कलियुग में पापी
ABP News
श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की रचना तुलसीदास जी अनन्य भगवद् भक्त के द्वारा की गई है. मानस मंत्र के अर्थ को समझते हुए मानस की कृपा से भवसागर पार करने की शक्ति प्राप्त करते हैं -
रामचरितमानस के बालकाण्ड में तुलसीदास जी अपने अवगुणों को विराम देते हुए रामचरित्र में उतरने की सलाह देते हैं. जो लोग बाहर से अच्छे बनते हैं और भीतर कपटी होते हैं कलियुग में पापी होते हैं. इसलिए तुलसी बाबा कहते हैं कि राम नाम भजते हुए वेदमार्ग पर रहना चाहिए.
जे जनमे कलिकाल कराला । करतब बायस बेष मराला ।। चलत कुपंथ बेद मग छाँड़े । कपट कलेवर कलि मल भाँड़े ।।
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