मानसून सत्र में छाए रहेंगे ये 7 मुद्दे? विपक्ष के लिए लिटमस टेस्ट हो सकता है नई संसद का पहला सेशन
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संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा. लेकिन इससे पहले ही सियासी अखाड़े में जमकर दांव-पेंच लगने लगे हैं. जहां एक ओर सरकार कुछ बिलों को लेकर संसद की शुरुआत करने की तैयारी में है तो वहीं विपक्ष भी कुछ मुद्दों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लेने की कोशिश करेगा. जानें इस सत्र में कौन से मुद्दे हावी रहने की संभावना है...
देश में जल्द ही नई सियासी बहस की शुरुआत हो सकती है. यह शुरुआत संसद के मानसून सत्र के साथ होने की संभावना है. संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. जिसके लिए सरकार के साथ-साथ विपक्ष ने भी कमर कस ली है. जानकारी के मुताबिक संसद का यह सत्र नए भवन में हो सकता है. इस भवन को लेकर विपक्ष पहले से ही विरोध करता रहा है. विरोध के बाबजूद भी दोनों तरफ से तैयारियों जोरों पर हैं. दिल्ली अध्यादेश से लेकर कई अहम मुद्दों पर इस सत्र में चर्चा होगी. हो सकता है वोटिंग भी हो. यानी सरकार के साथ-साथ विपक्ष की एकता का भी लिटमस टेस्ट इस सत्र में हो जाएगा.
गौरतलब है कि आगामी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में जाने से पहले ये सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए ऐसा प्लेटफॉर्म बन सकता है, जहां से जीत के रास्ते जुड़ सकते हैं.
20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र
मानसून सत्र की तारीख का ऐलान हो गया है. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा. मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और दूसरे काम-काज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं.
इस तारीख के ऐलान के साथ ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने प्रहलाद जोशी के उसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, '...और हम आशा करते हैं कि जोशी जी इस बात से अवगत होंगे कि सरकार लोगों से जुड़े उन सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी जिन्हें विपक्ष लगातार उठा रहा है. उन मुद्दों पर भी जिन पर प्रधानमंत्री पूरी तरह से मौन हैं.'
चुनावों से पहले हर दल हावी होना चाहेगा!
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