
मानवाधिकार आयोग: जस्टिस अरुण मिश्रा का विरोध क्यों?
BBC
जस्टिस मिश्रा को मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद कई संगठन इस फ़ैसले पर क्यों सवाल उठा रहे हैं. क्या है पूरा मामला?
आपातकाल के बाद हुए चुनाव में सत्ता गँवाने के बाद इंदिरा गांधी ने ज़ोरदार वापसी की थी और एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. अगले दिन 15 जनवरी, 1980 को इंदिरा गांधी को गर्मजोशी से भरे तमाम संदेश मिल रहे थे. इंदिरा गांधी को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस प्रफ़ुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती का भी संदेश था. उन्होंने लिखा था, "मैं चुनावों में शानदार जीत और प्रधानमंत्री के तौर पर आपकी सफल वापसी के लिए आपको हार्दिक बधाई देता हूँ. मुझे यक़ीन है कि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदृष्टि, प्रशासनिक क्षमता और कमज़ोरों की तकलीफ़ समझने वाले हृदय के साथ आप इस राष्ट्र को अपने लक्ष्य तक ले जाएँगी." जस्टिस भगवती के इस संदेश पर सवाल उठे और कहा गया कि ऐसी चिट्ठी से जनता का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा. इस घटना के 40 साल बाद जब सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ की, तो उन्हें भी जस्टिस पीएन भगवती की तरह आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.More Related News