![माओवादी संबंध मामले में डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा को बरी किया गया, तत्काल रिहाई का आदेश](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/10/GN-Saibaba-AMI-File-Photo.jpg)
माओवादी संबंध मामले में डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा को बरी किया गया, तत्काल रिहाई का आदेश
The Wire
गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और पांच अन्य को माओवादियों से संबंध रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता का दोषी ठहराया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी को बरी करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कथित ख़तरे' के नाम पर क़ानून को ताक़ पर नहीं रखा जा सकता.
नागपुर: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंधों से जुड़े मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को शुक्रवार को बरी कर दिया और उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश दिया.
जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पानसरे की खंडपीठ ने साईबाबा को दोषी करार देने और आजीवन कारावास की सजा सुनाने के निचली अदालत के 2017 के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका स्वीकार कर ली.
साईबाबा 90 फीसदी शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर की मदद लेते हैं. उन्हें नागपुर केंद्रीय कारागार के कुख्यात अंडा सेल में रखा गया है. बीते सालों में साईबाबा के वकीलों की ओर से उन्हें जेल में उचित इलाज और सुविधाएं न दिए जाने का मुद्दा कई बार उठाया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने उन्हें बरी करते हुए कहा उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कथित खतरे’ के नाम पर कानून की उचित प्रक्रिया को ताक पर नहीं रखा जा सकता.