![महिला आरक्षण पर क्रेडिट वार! महुआ ने ममता को 'मदर ऑफ द बिल' बताया, सोनिया गांधी ने राजीव को दिया श्रेय](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202309/sonia_mahua-sixteen_nine.jpeg)
महिला आरक्षण पर क्रेडिट वार! महुआ ने ममता को 'मदर ऑफ द बिल' बताया, सोनिया गांधी ने राजीव को दिया श्रेय
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महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में जारी बहस के बीच राजनीतिक दलों में क्रेडिट लेने की होड़ है. सभी पार्टियां अपनी-अपनी व्याख्या और सुविधा के अनुसार इस बिल का श्रेय खुद को दे रही हैं. इस बीच टीएमसी ने कहा है कि इस बिल का नाम वीमेन रिजर्वेशन रिशेड्यूलिंग बिल रख देना चाहिए. क्योंकि इसका एजेंडा देरी करना है.
नारी शक्ति वंदन बिल के नाम से संसद में आए महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में चर्चा जारी है. इस दौरान पार्टियां अपने-अपने नाम पर इस बिल को लाने का क्रेडिट ले रहीं हैं.
बुधवार को बिल पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 'मदर ऑफ बिल' बताया. महुआ मोइत्रा ने कहा कि ममता बनर्जी ने पहले से ही लोकसभा में महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है, वे असल मायने में 'मदर ऑफ बिल' हैं. मोइत्रा ने जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की. उन्होंने कहा, महिलाओं को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए.
महुआ मोइत्रा ने महिला आरक्षण बिल पर हो रही देरी को लेकर अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए गर्व और शर्म की बात है कि आजादी के 75 साल बाद मैं संसद में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में शामिल हो रही हूं.
ममता 'मदर ऑफ द बिल'- महुआ मोइत्रा
टीएमसी सांसद ने कहा कि ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं टीएमसी से जुड़ी हूं एक ऐसी पार्टी जहां संसद पहुंचने वाले सदस्यों में 37 फीसदी महिलाएं हैं. लेकिन ये मेरे लिए दुख की बात है कि मैं उस संसद से ताल्लुक रखती हूं जहां मात्र 15 फीसदी सदस्य महिलाएं हैं जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम है. महुआ ने कहा कि संसद में दलित और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगातार कम होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में मात्र 2 मुस्लिम महिलाएं हैं और वे दोनों ही पश्चिम बंगाल से हैं और दोनों ही तृणमूल कांग्रेस से हैं.
टीएमसी सांसद ने कहा कि बीजेपी के नेता हमसे संपर्क कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि बिना शर्तों के साथ इस बिल का समर्थन करिए. हम उनसे कहना चाहते हैं कि टीएमसी न सिर्फ इस बिल का समर्थन कर रही है बल्कि वास्तविकता ये है कि भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिन्हें 'मदर ऑफ दिस बिल' कहा जाना चाहिए. जिन्होंने महिलाओं को संसद और विधानसभा में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का मूल विचार दिया है. जिन्होंने अपनी पार्टी से 37 फीसदी महिलाओं को इस संसद में भेजा है. आपने क्या किया है? आपने कितने लोगों को भेजा है.
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