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महाराष्ट्र: हर महीने 209 किसान कर रहे हैं खुदकुशी, इस साल 1046 किसानों ने दी जान
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आरटीआई एक्टिविस्ट जीतेंद्र घाडगे ने बताया कि सरकार से किसानों की आत्महत्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी. राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2024 के बीच किसान आत्महत्याओं की कुल संख्या 1,046 है.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों के आत्महत्या करने का चौंकाने वाला डेटा सामने आया है. राज्य में 5 महीने के अंदर 1046 किसानों ने आत्महत्या की है. आरटीआई के जरिए सरकार ने यह आधिकारिक जानकारी दी है.
आरटीआई एक्टिविस्ट जीतेंद्र घाडगे ने बताया कि सरकार से किसानों की आत्महत्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी. राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2024 के बीच किसान आत्महत्याओं की कुल संख्या 1,046 है. यानी हर महीने औसत 209 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. खासकर अमरावती डिवीजन में हालात चिंताजनक है. यहां चार जिले टॉप पर हैं, जहां सबसे ज्यादा किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं.
- अमरावती: सूची में सबसे आगे है. अमरावती में 143 आत्महत्याएं हुईं. ये घटनाएं इस क्षेत्र में गंभीर कृषि संकट को दर्शाती हैं.- यवतमाल: 132 मामले सामने आए. यवतमाल दूसरे सबसे बड़े जिले के रूप में है. यह दिखाता है कि किसानों के सामने समस्याएं विकराल और गंभीर होती जा रही हैं.- बुलढाणा: इस जिले में 83 आत्महत्याएं हुईं. ये किसान के बीच महत्वपूर्ण कठिनाई का संकेत है.- अकोला: 5 महीने में 82 आत्महत्या के केस दर्ज किए गए.
फैक्ट यह भी है कि अमरावती डिवीजन में महाराष्ट्र में हुईं कुल आत्महत्याओं में से लगभग आधी (461) रिपोर्ट की गई हैं. इस डिवीजन में किसानों के सामने गंभीर संकट है. जानकार कहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार को तत्काल अमरावती डिवीजन के इन चार जिलों पर ध्यान देने की जरूरत है.
द यंग व्हिसल ब्लोअर फाउंडेशन के कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे ने कहा, अमरावती डिवीजन में किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. हमारे किसानों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं. घाडगे का कहना था कि यहां किसानों को वित्तीय राहत की जरूरत है. मानसिक स्वास्थ्य सहायता और तत्काल बेहतर कृषि पद्धतियां दिए जाने की जरूरत है.
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