महाराष्ट्र: हज़ारों मुंबईकरों के लिए पानी अब भी एक सपना है…
The Wire
चित्रकथा: जहां मुंबई के सुविधा-संपन्न नागरिकों को पानी रियायती दरों पर मिलता है वही, झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों को आज भी पानी के लिए दरबदर भटकना पड़ता है.
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रति दिन 15 करोड़ लोगों को मुंबई महानगरपालिका के जटिल पाइपलाइनों के जाल से करीब 4 बिलियन लीटर पानी पहुंचाया जाता है. शहर में हर नागरिक को 135 लीटर पानी प्रतिदिन आवंटित किया गया है. इस गणित के अनुसार मुंबई के हर नागरिकों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है और 135 लीटर पानी हर नागरिक की मूलभूत जरूरतों और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए पर्याप्त है.
शहर में पानी 5 रुपये प्रति 1000 लीटर के रियायती दर पर दिया जाता है जो शहर के संभ्रांत लोगोंं के लिए महंगा नही है, इसी कारण शहर में पानी के वितरण में समानता नहीं है. इसी रियायती दर का फायदा शहर के संभ्रांत इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलता है.
उन्हें हर रोज प्रति व्यक्ति 240 लीटर पानी मिल जाता है. दूसरी तरफ बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को पानी के लिए 40 से 120 गुना ज्यादा दाम देने पड़ते है. झुग्गी-झोपड़ी वालों को यह पानी कई बार अनधिकृत स्रोतों से लेना पड़ता है.
1995 में बॉम्बे ‘मुंबई’ बन गया और अधिक लोगों को शहर में प्रवास करने से रोकने के लिए, राज्य ने सर्कुलर जारी कर कहा कि 1995 के बाद अनधिकृत संरचनाओं में रहने वालों को पानी की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए.