
महाराष्ट्र में 'बड़ा भाई' बनेगी कांग्रेस, शरद गुट को उद्धव से भी कम सीटें... MVA में सीट शेयरिंग पर बनी बात!
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी का गठबंधन) के बाद अब महा विकास अघाड़ी में शामिल दलों के बीच भी सीट बंटवारे पर आम सहमति बन गई है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी का गठबंधन) के बाद अब महा विकास अघाड़ी में शामिल दलों के बीच भी सीट बंटवारे पर आम सहमति बन गई है. सूत्रों ने आजतक को बताया कि कांग्रेस 105-110, शिवसेना यूबीटी 90-95 और शरद पवार की एनसीपी 75-80 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. जहां तक महायुति की बात है, तो बीजेपी 152 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 70 से 80 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 52 से 54 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की संभावना है.
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी ने मिलकर महा विकास अघाड़ी का गठन किया था. इस बार के महाराष्ट्र चुनाव में मुकाबला पार्टियों के बजाय दो गठबंधनों के बीच देखने को मिलेगा. सत्तारूढ़ महायुति और महा विकास अघाड़ी आमने-सामने होंगे. बता दें कि महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. एमवीए महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी, जिसमें उसे महायुति पर बढ़त हासिल हुई थी.
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महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए को 30 पर जीत मिली थी, जबकि महायुति सिर्फ 17 सीटें जीत सकी थी. एमवीए में शामिल दलों में कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 13 पर जीत हासिल की थी. शिवसेना (यूबीटी) ने जिन 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 9 पर उसे जीत मिली थी, जबिक शरद पवार की एनसीपी ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. और एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने बाद में कांग्रेस को समर्थन दिया, जिससे एमवीए के सीटों की संख्या 31 हो गई.
वहीं महायुति में शामिल दलों में बीजेपी ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 9 पर उसे जीत मिली थी. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 7 पर जीत मिली थी. अजित पवार की एनसीपी ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 1 सीट जीत सकी थी. वहीं राष्ट्रीय समाज पक्ष ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था जिस पर उसे हार का सामना करना पड़ा था. महायुति ने लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए विधानसभा चुनाव के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई और सहयोगी दलों ने एमवीए से पहले सीट बंटवारे पर मुहर लगा दी. भाजपा ने तो 99 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है.
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