महाराष्ट्र के जालना में हिंसक हुआ मराठा आंदोलन, पत्थरबाजी-लाठीचार्ज में 38 पुलिसकर्मी घायल
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महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने अंबाड तहसील के धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था.
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए हो रहा आंदोलन, आंदोलनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच संघर्ष में तब्दील हो गया. जालना जिले के अंतरवाली सराटी में पुलिस ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज किया. इस लाठी चार्ज के बाद कई सारे लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. अंतरवाली गांव के निजी अस्पताल में कुछ घायल इलाज के लिए पहुंचे थे.
पुलिस पर आंदोलन के बीच लाठीचार्ज का आरोप 'आजतक' से बात करते हुए डॉक्टर ने बताया है कि उनके पास 30 से 40 लोग फर्स्ट एड के लिए आए थे. कुछ लोगों के जिस्म से लोहे के छर्रे भी डॉक्टर ने निकाले हैं और फर्स्ट एड करके इन्हें छोड़ दिया गया है. 'आजतक' से बात करते हुए घायलों ने बताया है कि वह मराठा समाज को आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने आंदोलन के दौरान ही लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें कहीं सारे पुरुष-महिलाओं के साथ-साथ बच्चे और बुजुर्ग भी घायल होने की बात सामने आई है.
38 पुलिसकर्मी हुए घायल जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने अंबाड तहसील के धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की.
प्रदर्शनकारी को अस्पताल में भर्ती कराने पर बिगड़ा माहौल मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि समस्या तब शुरू हुई जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की है. जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि 'हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया कि पथराव के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था मराठा आरक्षण राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण को पहले सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया क्योंकि कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया. जहां फड़णवीस ने घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 12 बताई, वहीं जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने देर रात कहा कि पथराव में 32 पुलिसकर्मी और छह अधिकारी घायल हो गए.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गंभीर चोटें आईं, उनका जालना सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि घायलों में दो पुलिस उपाधीक्षक और पांच महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं.
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