महाराष्ट्र: एनडीए में सीट शेयरिंग पर फंसा पेच, अजित पवार और एकनाथ शिंदे गुट के दावों से दबाव में बीजेपी
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भाजपा की 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की लोकसभा सीटों के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में महाराष्ट्र की एक भी सीट शामिल नहीं है. शायद सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारा फाइनल नहीं होने के कारण ही बीजेपी ने महाराष्ट्र को अपनी पहली सूची में शामिल नहीं किया.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन- 'महायुति' के भीतर सीट बंटवारे की बातचीत के बीच, भाजपा पर दबाव बढ़ता दिख रहा है. सहयोगी दल राकांपा (अजित पवार खेमा) और शिवसेना (सीएम एकनाथ शिंदे खेमा) आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अधिक सीटों का दावा कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 5 और 6 मार्च को महाराष्ट्र की दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी अध्यक्ष अजीत पवार मुंबई में उसी दिन सोलह लोकसभा सीटों की समीक्षा बैठक करने वाले हैं.
अजित पवार खेमे के पास वर्तमान में केवल एक लोकसभा सीट रायगढ़ है जिसका प्रतिनिधित्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे कर रहे हैं, जबकि शिरूर, बारामती और सतारा शरद पवार खेमे के पास हैं. समीक्षा बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के पदाधिकारी शामिल होंगे, यह जानकारी राकांपा अजित पवार खेमे के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय तटकरे ने दी.
शिंदे गुट के नेता ने ठोका 22 सीटों पर पार्टी का दावा
दूसरी ओर, शिवसेना (सीएम शिंदे खेमा) के कैबिनेट मंत्री शंभुराज देसाई ने दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न पर 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था. आज भी, हमारी पार्टी की आंतरिक चर्चा में, हमारे नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में सभी 22 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है. देसाई ने कहा, 'हम केंद्रीय संसदीय बोर्ड और राज्य की समन्वय बैठक में अपनी मांग रखेंगे. हमारे नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमारी सहयोगी पार्टियों भाजपा और राकांपा (अजित पवार खेमे) के नेता के साथ हमारी मांगों पर आगे चर्चा करेंगे'.
अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP 10 सीटों पर अड़ी
सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी कम से कम 10 लोकसभा सीटों धाराशिव, परभणी, बुलढाणा, गढ़चिरौली, माधा, हिंगोली, बारामती, शिरूर, सतारा और रायगढ़ पर चुनाव लड़ने पर अड़ी है. जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना उन 18 सीटों पर दावा ठोक रही है, जो 2019 के लोकसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना ने जीती थीं. हालांकि, माढ़ा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, मावल, शिरूर, रायगढ़, मुंबई उत्तर पश्चिम, पालघर, संभाजी नगर, परभणी, यवतमाल, शिरडी और गढ़चिरौली जैसी कई सीटें हैं, जो अब भी तीनों घटक दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के लिए विवाद का कारण बनी हुई हैं.
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