
मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का निधन
The Wire
श्याम बेनेगल के साथ 94 वर्षीय वनराज भाटिया ने दो दशक से अधिक समय तक काम किया था. बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘मंडी’ के अलावा उनके धारावाहिक ‘यात्रा’ और ‘भारत एक खोज’ के लिए उन्होंने संगीत दिया था. उन्होंने समानांतर सिनेमा में दिए गए अपने संगीत से काफी नाम कमाया था. भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण उनकी पहचान रही है.
मुंबई: मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार को मुंबई में उनके आवास पर निधन हो गया. भाटिया के एक दोस्त ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे. One of the most beautiful soundtracks of our childhoods – composed by Vanraj Bhatia. Listen to the maestro talk about music and sound. भाटिया 94 साल के थे. वह नेपियन सी रोड पर रूंगटा हाउसिंग कॉलोनी में अपने अपार्टमेंट में अकेले रहते थे. उन्होंने श्याम बेनेगल के साथ दो दशक से अधिक समय तक काम किया था. Go well, sir. And thanks for all the music. https://t.co/CVIZQ307bE#RIP Guftagoo with Vanraj Bhatia https://t.co/3NkODjlbx1 via @YouTube बेनेगल की फिल्म अंकुर (1974), निशांत (1975), मंथन (1976), भूमिका (1977), जुनून (1979), कलयुग (1981), मंडी (1983), त्रिकाल (1985), सुस्मन (1987), अंतर्नाद (1991), सूरज का सातवां घोड़ा (1992), मम्मो (1994), सरदारी बेगम (1996), मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996), समर (1999), हरी भरी (2000) तथा धारावाहिक यात्रा (1986) और भारत एक खोज (1988) के लिए संगीत दिया था. — वरुण 🇮🇳 (@varungrover) May 7, 2021 — Hansal Mehta (@mehtahansal) May 7, 2021 संगीत इतिहासकार और दोस्त पवन झा ने बताया, ‘मैं उनके साथ नियमित रूप से संपर्क में था. उनकी देखभाल करने वाले ने मुझे सुबह नौ बजे के आसपास सूचित किया कि उनका निधन हो गया है. उन्हें डिमेंशिया, गठिया था. वह एक महीने से अधिक समय से बिस्तर पर थे.’More Related News