मवेशियों की वजह से लेट हुईं 4000 ट्रेनें, क्यों वंदे भारत ट्रेनें हो जाती हैं डैमेज?
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Vande Bharat Train Accident: वंदे भारत ट्रेनों के मवेशियों से टकराने के मामले बार-बार सामने आए हैं. मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन तीन बार मवेशियों से टकरा चुकी है. इस वजह से इसकी 'नाक' को भी नुकसान पहुंचा है. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 4 हजार से ज्यादा ट्रेनें मवेशियों से प्रभावित रही हैं.
Vande Bharat Train Accident: पटरी पर मवेशियों से टकराकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को नुकसान पहुंचने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. हालांकि, यह समस्या सिर्फ इन ट्रेनों तक ही सीमित नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मवेशियों की समस्या की वजह से सिर्फ अक्टूबर के पहले 9 दिनों में 200 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है. वहीं, इस साल की बात करें तो 4 हजार से ज्यादा ट्रेनें मवेशियों से प्रभावित रही हैं. सबसे बुरा प्रभाव हालिया शुरू हुई मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर हुआ, जिसे 1 अक्टूबर को लॉन्च किया गया था. इस महीने यह तीन बार पटरी पर आए मवेशियों से टकरा चुकी है, जिसकी वजह से इनकी 'नाक' को नुकसान पहुंचा.
क्यों वंदे भारत ट्रेनें होती हैं डैमेज?
रेलवे अधिकारी के अनुसार, वंदे भारत एक्सप्रेस के नोज कोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि ये टक्कर के बाद भी ट्रेन और उसमें बैठे यात्रियों को नुकसान न पहुंचने दें. ज्यादातर प्रीमियम ट्रेनों में फ्रंट का हिस्सा कोन शेप का रखा जाता है. यह हिस्सा मजबूत फाइबर प्लास्टिक का होता है. इसमें किसी भी तरह की टक्कर होने पर सिर्फ आगे के कोन शेप हिस्से को नुकसान पहुंचता है, गाड़ी के अन्य हिस्से, चेचिस और इंजन को हानि नहीं पहुंचती है.
रेल पटरियों के पास बाड़ लगाने का काम जारी
अधिकारियों के मुताबिक, जहां ऐसी दुर्घटनाएं होने की ज्यादा गुंजाइश है, ऐसे बहुत सारे इलाकों में पटरियों के आसपास बैरिकेडिंग की गई है. हालांकि, इतने लंबे इलाके की बाड़बंदी बेहद मुश्किल काम है क्योंकि बहुत सारी जगहों पर एक तरफ रिहाइशी इमारते हैं तो दूसरी ओर खेत. रेलवे ने उन इलाकों की भी पहचान की है, जहां मवेशियों से दुर्घटनाएं होने के मामले ज्यादा सामने आए हैं. ऐसी जगहों पर बाड़ लगाने का काम जारी है. एक अधिकारी के मुताबिक, इन जगहों पर बाड़ लगाने का काम 40 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है.
लोगों को किया जा रहा है जागरूक
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