![मलियाना नरसंहार मामले में 36 साल बाद आए फैसले में सबूतों के अभाव में 40 आरोपी बरी](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/01/Court-Order-Hammer-Lawmin.gov_.in_.jpg)
मलियाना नरसंहार मामले में 36 साल बाद आए फैसले में सबूतों के अभाव में 40 आरोपी बरी
The Wire
उत्तर प्रदेश के मेरठ के मलियाना में 23 मई 1987 को दंगे भड़क गए थे, जिनमें 63 लोगों की मौत हुई थी. एक स्थानीय नागरिक की शिकायत पर घटना के अगले दिन पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की थी. मामले में सुनवाई के लिए 800 से ज़्यादा तारीख़ें ली गईं. मुक़दमे में 74 गवाह थे, जिनमें से सिर्फ़ 25 ही बचे थे.
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक अदालत ने 36 साल पुराने मलियाना सांप्रदायिक झड़प मामले में आगजनी, हत्या और दंगा करने के आरोपी 40 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने कहा है कि वे फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
बता दें कि 14 अप्रैल 1987 को शब-ए-बारात के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा, जिसमें 12 लोग मारे गए थे. इसके परिणामस्वरूप 22 मई 1987 को हाशिमपुरा में भड़के दंगों के बाद 23 मई 1987 को मलियाना में भी दंगे भड़क गए थे.
मलियाना में हुई हिंसा में 63 लोगों की मौत हुई थी, जबकि हाशिमपुरा में 42 लोगों की जान चली गई थी.
एनडीटीवी के मुताबिक, मलियाना मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लखविंदर सूद ने 40 आरोपियों को बरी कर दिया.