मरीजों को ऑक्सीमीटर, झुग्गी के बदले मकान समेत इन 30 कामों को उपलब्धि मानती है AAP सरकार
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केजरीवाल सरकार का कहना है कि आप सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा का स्तर सुधरा है. सरकार का कहना है कि सरकारी स्कूल में 2019-20 के दौरान 12वीं क्लास में 97.92% और 10वीं क्लास में 82.61% बच्चे पास हुए हैं. इसके अलावा दिल्ली में रियल स्टेट को सक्रिय करने के लिए सर्कल रेट 20% तक कम किये गए हैं.
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गयी है. पहले दिन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल का अभिभाषण हुआ, इस दौरान उन्होंने केजरीवाल सरकार के साल 2020-21 के 30 बड़े काम गिनाए हैं. केजरीवाल सरकार कोरोना काल में मरीजों को ऑक्सीमीटर मुहैया कराना, प्लाजमा बैंक स्थापित करना, झुग्गी के बदले गरीबों को पक्का मकान देने, लॉकडाउन के दौरान ऑटो चालकों को आर्थिक मदद और ज़रूरतमंद लोगों के लिए पके भोजन की व्यवस्था करने को उपलब्धि मानती है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि आप सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा का स्तर सुधरा है. सरकार का कहना है कि सरकारी स्कूल में 2019-20 के दौरान 12वीं क्लास में 97.92% और 10वीं क्लास में 82.61% बच्चे पास हुए हैं. इसके अलावा दिल्ली में रियल स्टेट को सक्रिय करने के लिए सर्कल रेट 20% तक कम किये गए हैं.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.