मराठा आरक्षण: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पीएम और राष्ट्रपति को लिखा पत्र, हस्तक्षेप की मांग
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मराठा आरक्षण को लेकर बुधवार (5 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया.
मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की उप-समिति ने शनिवार को अपनी बैठक में पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं यह भी तय किया कि मराठा आरक्षण पर SC निर्णय का विश्लेषण करने और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी. इसी बीच महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने जानकारी दी कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर विचार किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक मुंबई में मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति की बैठक चल रही है. इस बैठक में मंत्री अशोक चव्हाण, एकनाथ शिंदे, दिलीप वालसे पाटिल, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी और अन्य उपस्थित हैं.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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