मनोज झा की कविता पर सियासी उबाल, जानें- बिहार में किस ओर है ठाकुर-ब्राह्मण वोट
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RJD सांसद मनोज झा की कविता पर बवाल मचा है. उन्होंने राज्यसभा में ठाकुर का कुआं कविता पढ़ी थी. इस पर ठाकुर और ब्राह्मण नेता आमने-सामने हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 55 फीसदी राजपूत और 52 फीसदी ब्राह्मणों ने NDA को वोट किया है.
लोकसभा चुनाव में 148 दिन बचे हैं, मगर चुनाव से पहले मुद्दों को मांजा जा रहा है. इस बीच एक नया मुद्दा उछला है. ये मुद्दा है जाति का. जिसको लेकर ठाकुर और ब्राह्मण नेता आमने-सामने हैं. दरअसल 21 सितंबर को राज्यसभा में आरजेडी के सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता पढ़ी, इस कविता का नाम था ठाकुर का कुआं, मनोज झा के कविता पढ़ने के हफ्ते भर बाद अब इसे मुद्दा बना लिया गया है.
आरजेडी के ही ठाकुर नेता कह रहे हैं कि मनोज झा ब्राह्मण हैं और उन्होंने ठाकुरों का अपमान किया है. जेडीयू के नेता भी मनोज झा पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं.
ओम प्रकाश वाल्मिकि की इस कविता को पढ़ते वक्त मनोज झा ने नहीं सोचा होगा कि बिहार के ठाकुरों की त्योरियां चढ़ जाएंगी, मूढों पर ताव, और माथे पर तनाव उभर आएगा.
मनोज झा जो खुद ब्राह्मण हैं, उन्होंने कविता पढ़ दी ठाकुरों की आलोचना वाली, इसपर बिहार के ठाकुर उबल पड़े. वैसे मनोज झा भी इस बात से अनजान नहीं थे कि उनकी बात का मतलब अलग निकाला जाएगा, और मायने ही बदल दिए जाएंगे.
अपनी ही पार्टी के निशाने पर मनोज झा
अब मनोज झा खुद अपनी ही पार्टी आरजेडी के नेताओं के निशाने पर हैं. आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने कहा कि हम सदन में होते तो मनोज झा को ऐसा बोलने नहीं देते, वहीं धरना देते. हम ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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