![मनोज को 'मामा' बताती थी सरस्वती, मंदिर में की थी शादी... मीरा रोड मर्डर में नए खुलासे](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202306/saanae-sixteen_nine.jpeg)
मनोज को 'मामा' बताती थी सरस्वती, मंदिर में की थी शादी... मीरा रोड मर्डर में नए खुलासे
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सरस्वती की चार बहनें है. बचपन में ही उसके मां-बाप अलग हो गए थे. मां-बाप के अलग हो जाने के बाद सरस्वती अपनी मां के साथ रहने लगी थी लेकिन कुछ ही सालों के भीतर उसकी मां की मौत हो गई. मां की मौत के बाद सरस्वती अहमदनगर के जानकीबाई आप्टे बालिका आश्रम में रहने लगी. आश्रम में उसने कक्षा एक से दसवीं तक की पढ़ाई की. वह दस सालों तक इसी आश्रम में रही.
मुंबई में लिव इन रिलेशनशिप में रह रही लड़की की हत्या से पूरा देश सन्न है. 52 साल के मनोज साने पर 32 साल की सरस्वती की हत्या कर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है. लेकिन अब इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि मनोज और सरस्वती शादीशुदा थे और उन्होंने मंदिर में शादी की थी. सरस्वती ने इस शादी के बारे में अपनी बहनों को भी बता रखा था. लेकिन वह आमतौर पर मनोज को मामा बताती थी.
सरस्वती की तीन बहनें है. बचपन में ही उसके मां-बाप अलग हो गए थे. मां-बाप के अलग हो जाने के बाद सरस्वती अपनी मां के साथ रहने लगी थी लेकिन कुछ ही सालों के भीतर उसकी मां की मौत हो गई. मां की मौत के बाद सरस्वती अहमदनगर के जानकीबाई आप्टे बालिका आश्रम में रहने लगी. आश्रम में उसने कक्षा एक से दसवीं तक की पढ़ाई की. वह दस सालों तक इसी आश्रम में रही.
सरस्वती ने 18 साल की होने पर आश्रम छोड़ दिया और औरंगाबाद में अपनी बहन के साथ रहने लगी. वह चार सालों तक बहन के साथ रही. इसके बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गई. मुंबई में वह मनोज साने के संपर्क में आई.
मनोज साने ने नौकरी दिलाने में की थी मदद
मुंबई में मनोज साने ने नौकरी दिलाने में सरस्वती की मदद की. जब सरस्वती को मुंबई में रहने का कोई ठिकाना नहीं मिला तो मनोज ने बोरीवली में अपने फ्लैट में उसे रहने दिया. वह बोरीवली में मनोज के फ्लैट में कुछ समय तक रही. यह वह समय था, जब दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. वे कानूनी तौर पर शादी करना चाहते थे लेकिन उन्होंने बाद में मंदिर में शादी की.
मनोज साने और सरस्वती सात सालों से मीरा रोड वाले फ्लैट में रह रहे थे. मूल रूप से सरस्वती औरंगाबाद की है. आश्रम में सरस्वती के कुछ एजुकेशनल दस्तावेज भी थे, जिसके लिए वह नियमित तौर पर मनोज के साथ अहमदनगर जाती थीं. आश्रम में सरस्वती ने मनोज को अपना मामा बताया था. फिलहाल सरस्वती की बहनों के बयान लिए जा रहे हैं. उनका डीएनए टेस्ट भी किया जाएगा.
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