मध्य प्रदेश के बक्सवाहा में वन विभाग की अनुमति के बिना एक भी पेड़ न काटा जाए: एनजीटी
The Wire
बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरा खनन के लिए छतरपुर ज़िले के बक्सवाहा जंगल के एक बड़े हिस्से में लगे दो लाख से अधिक पेड़ काटे जाने की योजना है. एनजीटी में दायर याचिका में कहा गया है कि इस परियोजना से जैविक पर्यावरण को क्षति पहुंचने की आशंका है. मांग की गई कि बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस न दिया जाए.
भोपाल: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) भोपाल की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के छतरपुर जिले के बक्सवाहा में हीरा खनन के लिए वन विभाग की अनुमति के बिना एक भी पेड़ न काटा जाए. न्यायिक सदस्य न्यायधीश एसके सिंह एवं विशेषज्ञ सदस्य कुमार वर्मा की युगलपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है. एनजीटी की वेवसाइट पर इस आदेश को गुरुवार शाम को अपलोड किया गया है. आदेश में कहा गया है कि मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रमुख मुख्य संरक्षक यह सुनिश्चत करें कि बक्सवाहा के जंगल में हीरा खनन के लिए बिना वन विभाग की अनुमति के एक भी पेड़ न काटा जाए. पीठ ने कहा कि इस आवेदन में उठाया गया मुद्दा मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बक्सवाहा तहसील के संरक्षित वन क्षेत्र सोगोरिया गांव की जमीन को खनन पट्टे पर एस्सेल्स माइनिंग इंडस्ट्रीज को देने के राज्य प्रदेश द्वारा 19 दिसंबर 2019 को जारी आशय पत्र से संबंधित है.More Related News