‘मत मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं’-फोटोग्राफर की नजर से महामारी
The Quint
lucknow covid 19: फोटोग्राफर की नजर से कोरोना के दौर वाला लखनऊ-‘इस शहर में अब दर्द है’.photographer tells pain of corona pandemic, hospital beds and oxygen shortage through pictures
थोड़ा डरा. थोड़ा सहमा. रिसते हुए जख्मों का ढेर है. ये एक पूरा शहर है. मत मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं. घबराइए कि आप लखनऊ में है. नजाकत, नफासत वाला ये शहर गम, गुस्से में हैं. कभी अपनों की सांसें गिन रहा है तो टकटकी लगाकर चिताओं से उठ रहे धुएं को दूर जाता देख रहा है. हर रोज के इस दर्द को, अस्पताल से श्मशान तक लाशों को, अपनी आंखों और कैमरों के लेंस से कैद कर रहे सुमित कुमार क्विंट हिंदी से बातचीत में कहते हैं-'शहर ने बहुत कुछ खो दिया है.'सुमित कुमार 8 सालों से फोटोग्राफी में हैं. बतौर फ्रीलांस पत्रकार काम करते हैं. सुमित कहते हैं ऐसा मंजर कभी नहीं देखा. 'आंखों के सामने किसी को जाता देख बेबस सा महसूस करता हूं,आप देख रहे हैं कि मरीज बदहवास है उसे ट्रीटमेंट की जरूरत है लेकिन कुछ नहीं कर सकते, कोविड रिपोर्ट लाओ, ये नियम-वो कानून, यहां लाइन-वहां लाइन' ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लाइन में खड़े लोग(फोटो- सुमित कुमार/@skphotography68 )अस्पताल, बेड, श्मशान...ये लाइन है कि खत्म होती ही नहीं...हर रोज सुमित जब काम के लिए निकलते हैं तो सोचते हैं आज शायद कुछ हालात बेहतर हों लेकिन पिछले एक महीनों से ऐसा होता नहीं दिख रहा है. लखनऊ लाइन में खड़ा है. अस्पताल, ऑक्सीजन, बेड के लिए लाइन. सांस अटक रही है, दम घुट रहा है लेकिन आप इंतजार कीजिए, ऑक्सीजन नहीं है, आ रही है. कब तक आ पाएगी- नहीं मालूम. कोई आस दे दीजिए- वो नहीं दे सकते. कोई सहारा?- हमें सरकार ने खुद सहारा दिया है. आप इंतजार कर लीजिए लाइन में खड़े होकर.सुमित बताते हैं कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के बाहर की ये तस्वीर है-केजीएमयू के बाहर की तस्वीर, लखनऊ(फोटो- सुमित कुमार/@skphotography68 )‘वो महिला मेरे सामने ही आईं, मुझे ऐसा लग रहा था कि इन्हें इलाज की सख्त जरूरत है. मैं अस्पताल गेट पर ही खड़ा था. इन महिला के पति बार-बार अंदर जाकर एडमिशन की ही बात कर रहे थे. इस बीच उन्होंने दम तोड़ दिया. आप सोचिए कि मैं ये सब खड़ा होकर देख रहा हूं, बेबस हूं, क्या करूं-क्या कहूं, कसकर रो दूं, नहीं समझ आता.’सुमित कुमार‘ये अंकल नादरगंज के बाहर एक रिफिलिंग सेंटर पर मुझे मिले. सुशील कुमार श्रीवास्तव नाम था इनका. इन्हें बिना कोविड रिपोर्ट अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा था. इनके बेटे ने मुझे बताया. मैंने इनकी फोटो ली. अगले दिन इनका हालचाल जानने के लिए ...More Related News