मणिपुर के वायरल वीडियो पर फूटा आदिवासी समुदायों का गुस्सा, उठाई अलग प्रशासन की मांग
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मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा हुई. हिंसा के दौरान का एक पुराना वीडियो बुधवार को सामने आया. इसमें भीड़ दो महिलाओं को नग्न करके दौड़ा रही थी. वीडियो पर अब बवाल मचा है.
दो महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन मणिपुर में जल रही दुश्मनी की आग अब तक खत्म नहीं हुई है. मंगलवार को आए वीडियो ने हिंसा की इस आग में घी डालने का काम किया, जिसमें दो महिलाओं को लोगों की भीड़ नग्न करके घुमा रही थी.
बता दें कि मणिपुर में कुकी जनजाति समूह और मैतेई (गैर जनजाति समूह) के बीच लड़ाई चल रही है जो खूनी जंग का रूप ले चुकी है.
ITLF ने निकाला मार्च
अब गुरुवार को स्वदेशी जनजातीय नेता मंच (ITLF) ने एक मार्च निकाला है. यह अनेक जनजातीय समूहों का गुट है जो मैतेई को जनजाति का दर्जा देने के खिलाफ है. इस मार्च में उस वीडियो के प्रति गुस्सा जाहिर किया गया. कहा जा रहा है कि जिन महिलाओं को नग्न करके घुमाया गया वे कुकी समुदाय से आती हैं. छुरछंदपुर में प्रदर्शन के दौरान विशाल रैली निकाली गई. यहां मणिपुर में जनजातीयों के लिए अलग प्रशासन की मांग उठाई गई है.
रैली में करीब 10 हजार लोग जुटे थे. यहां पोस्टर्स पर लिखा था, 'आदिवासियों का बहुत खून बह चुका. अलग होना ही एकमात्रा रास्ता है.' पोस्टर्स पर आगे लिखा था कि केंद्र सरकार हमें (आदिवासियों) को मणिपुर से अलग कर दे.
मणिपुर में क्यों हो रहा विवाद?
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संभल हिंसा पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पाठक ने बताया कि घटनास्थल पर पाकिस्तान निर्मित बंदूक के खोखे मिले हैं, जो चिंता का विषय है. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है. देखें VIDEO
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