!['मणिपुर की दर्दभरी कहानियां सुनकर दिल दुखता है', ममता बोलीं- मानवता की खातिर शांति अपनाएं](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202307/mamata_3-sixteen_nine.png)
'मणिपुर की दर्दभरी कहानियां सुनकर दिल दुखता है', ममता बोलीं- मानवता की खातिर शांति अपनाएं
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ममता ने कहा कि मैं मणिपुर के बहादुर भाइयों और बहनों से मानवता की खातिर शांति अपनाने का आग्रह करती हूं. हम आपके साथ खड़े हैं, हम आपके लिए अटूट समर्थन और करुणा की पेशकश कर रहे हैं. वहीं, टीएमसी नेता सुष्मिता देव ने कहा कि मुझे लगता है कि मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह पर से विश्वास पूरी तरह खत्म हो गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मणिपुर के लोगों से मानवता की खातिर शांति अपनाने का आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं. ममता ने ट्वीट किया कि मणिपुर की दिल दहला देने वाली कहानियां सुनकर मेरा दिल बहुत दुखता है. मानव जीवन को कभी भी नफरत के क्रूर प्रयोगों की पीड़ा नहीं सहनी चाहिए. साथ ही कहा कि मानवता की लौ को फिर से जगाएं और भारत इन घावों को भर देगा.
विपक्षी गुट I.N.D.I.A. के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर गया था. इसमें टीएमसी की सदस्य भी शामिल है. ममता ने कहा कि मैं मणिपुर के बहादुर भाइयों और बहनों से मानवता की खातिर शांति अपनाने का आग्रह करती हूं. हम आपके साथ खड़े हैं, हम आपके लिए अटूट समर्थन और करुणा की पेशकश कर रहे हैं.
टीएमसी नेता सुष्मिता देव ने कहा कि मुझे लगता है कि मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह पर से विश्वास पूरी तरह खत्म हो गया है. आम लोग और जनता अब मणिपुर के सीएम का समर्थन नहीं कर रहे हैं. मणिपुर के राज्यपाल उइके को सौंपे गए ज्ञापन में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने वाले विपक्षी सांसदों ने राज्य में शांति और सद्भाव लाने के लिए प्रभावित लोगों के तत्काल पुनर्वास की मांग की.
मणिपुर में कब भड़की हिंसा?
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. जानकारों का मानना है कि बातचीत से ही इस हिंसा को शांत किया जा सकता है, लेकिन समस्या ये है कि बातचीत को कोई तैयार हो नहीं रहा है. हिंसा में अब तक 150 लोग मारे जा चुके हैं.
मैतेई क्यों मांग रहे जनजाति का दर्जा?
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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं यह रेलवे का कुप्रबंधन है जिसके कारण इतने लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कुंभ पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि 'कुंभ का क्या कोई मतलब है, फालतू है कुंभ.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जिसमें 9 महिलाएं और कई बच्चे शामिल हैं. स्टेशन पर बिखरे सामान, जूते और कपड़े इस घटना की गवाही दे रहे हैं. भगदड़ के दौरान लोग जान बचाने के लिए सीढ़ियों और एस्केलेटर पर दौड़ पड़े. प्लेटफॉर्म पर सीमित जगह के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई. देखें वीडियो.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ पर रेलवे का बयान सामने आया है. नॉर्दर्न रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, प्लेटफॉर्म 14-15 के बीच फुटओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलने से भगदड़ मच गई. उन्होंने बताया कि इस समय प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी. देखें वीडियो.
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प्रयागराज में संगम स्नान के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है. हालात को संभालने के लिए RPF और GRP की टीम तैनात है, लेकिन यात्रियों की भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद तस्वीरें सामने आई हैं. अपनी जान बचाने के लिए कई लोगों ने फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे कई यात्री घायल हो गए. भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर जूते, बैग, टूटी चप्पलें और यात्रियों का सामान बिखरा पड़ा है, जिसे अब हटाने का काम जारी है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर हुई भगदड़ के भयावह मंजर को याद कर लोगों की रूह कांप रही है. हादसे की गवाह एक महिला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए निकली थीं. महिला ने कहा कि हम आधे घंटे तक दबे रहे, मेरी ननद की मौत हो गई... हम उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुंह से झाग आ रहा था.