मंत्री के घर आधी रात को मर्डर, एक फोन कॉल और सीसीटीवी पर सस्पेंस... लखनऊ हत्याकांड में अनसुलझे हैं कई सवाल
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30 साल का विनय हमेशा मंत्री के बेटे विकास के साथ साये की तरह रहता था, लेकिन इत्तेफाक देखिए कि जब विनय की हत्या हुई, विकास अपने घर में नहीं था. बल्कि घर तो क्या, लखनऊ में ही नहीं था. वो दिल्ली गया था. लेकिन पेच ये है कि हत्या में जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया, वो पिस्टल किसी और का नहीं बल्कि मंत्री के बेटे विकास का ही था.
लखनऊ में एक केंद्रीय मंत्री के घर आधी रात गोली चलती है. गोली खुद मंत्री के बेटे की लाइसेंसी पिस्टल से चली थी. इसके कुछ ही देर बाद खबर आती है कि मंत्री जी के घर में एक शख्स की हत्या कर दी गई है और ये शख्स कोई और नहीं बल्कि मंत्री जी के बेटे का एक खास दोस्त है. सवाल ये है कि आखिर मंत्री जी के बेटे की पिस्टल से बेटे के ही एक दोस्त की हत्या कैसे हो गई? जांच शुरू होने पर पता चलता है कि वारदात के वक्त मंत्री जी का बेटा घर पर था ही नहीं. ऐसे में इस क़त्ल को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं. राज़ गहरा जाता है.
मंत्री आवास में हत्या लखनऊ के दुबग्गा इलाके में मौजूद है केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का घर. गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात. वक्त करीब दो से ढाई बजे के आस-पास अचानक मंत्री जी के उस घर से एक गोली चलने की आवाज आती है और इसी के साथ मकान में चीख-पुकार मच जाती है. गोली यूं ही नहीं चली थी. बल्कि इस फायरिंग में एक शख्स की जान जा चुकी थी. यानी उसकी हत्या हो चुकी थी. अब हत्या मंत्री के घर में हुई थी, तो हड़कंप मचना लाजिमी था. देखते ही देखते लखनऊ पुलिस का एक बड़ा लवाजमा मामले की तफ्तीश के लिए मौका-ए-वारदात पर मौजूद था.
मंत्री के बेटे की पिस्टल से कत्ल असल में उस मकान में मंत्री कौशल किशोर का बेटा विकास किशोर उर्फ आशु रहता था और यहां जिस शख्स की हत्या हुई थी, वो आशु का खासमखास और उसका राइट हैंड विनय श्रीवास्तव था. 30 साल का विनय हमेशा मंत्री के बेटे विकास के साथ साये की तरह रहता था, लेकिन इत्तेफाक देखिए कि जब विनय की हत्या हुई, विकास अपने घर में नहीं था. बल्कि घर तो क्या, लखनऊ में ही नहीं था. वो दिल्ली गया था. लेकिन पेच ये है कि हत्या में जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया, वो पिस्टल किसी और का नहीं बल्कि मंत्री के बेटे विकास का ही था.
अब सवाल ये है कि - आखिर विकास की गैरमौजूदगी में उसके घर में उसके दोस्त विनय की हत्या किसने की? - क्या ये अचानक गुस्से में हुई कोई वारदात है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? - विनय की हत्या में विकास के लाइसेंसी पिस्टल का इस्तेमाल कैसे हुआ? - आखिर विकास अपनी पिस्टल खुला छोड़ कर कैसे लखनऊ से बाहर चला गया? - और सबसे अहम ये कि वारदात के वक्त विकास के घर में कौन-कौन से लोग मौजूद थे?
आधी रात को विनय के भाई ने किया था कॉल तो इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए और आधी रात मंत्री के मकान में हुई कत्ल की वारदात को समझने के लिए इस वाकये के सिक्वेंस पर गौर करना जरूरी है. पुलिस सूत्रों की मानें तो गुरुवार और शुक्रवार की रात को विकास की गैर मौजूदगी में उसके घर में विनय और उसके दोस्त पार्टी कर रहे थे. देर रात तक खाना पीना चल रहा था. कत्ल से पहले रात करीब एक बज कर 20 मिनट पर विनय के एक भाई विक्रांत ने विनय को फोन भी किया था. लेकिन तब भी किसी अनहोनी की आहट नहीं थी. विनय ने बताया कि वो मंत्री पुत्र विकास के घर पर है और सबकुछ नॉर्मल है.
सुबह 4 बजे के बाद विनय के घर दी गई थी सूचना लेकिन इसके बाद सीधे भोर के चार बजे के बाद विकास के घर से उनके एक दोस्त अंकित वर्मा ने विनय के भाई को कॉल किया और बताया कि उसके बाई विनय को गोली लग चुकी है, वो फौरन मौके पर चला आए. मगर अफसोस, जब तक विनय के भाई और घरवाले विकास के घर पहुंचते, तब तक विनय की मौत हो चुकी थी.
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