मंत्रिमंडल फेरबदल : परदे के पीछे की कहानी
NDTV India
रविशंकर प्रसाद के बारे में तर्क दिया जा रहा है कि वो ट्विटर के साथ जो पंगा लिया उसी का खामियाजा भुगतना पड़ा. भारत सरकार अमेरिका को नाराज नहीं कर सकती है, यह आज के वैश्विक माहौल के लिहाज से ठीक नहीं रहेगा, खास कर वैसे हालात में जहां चीन के साथ आपकी ठना ठनी बनी हुई है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के वक्त किसी को यह अंदाजा नहीं था कि इतने बड़े स्तर पर फेरबदल होगा. जब स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन का नाम आया तो लगा चलिए उन्होंने कोरोना की दूसरे लहर को ठीक से हैंडल नहीं किया. स्वास्थ्य मंत्री खुद एक पेशेवर डॉक्टर रहे मगर सरकार तैयारी में बुरी तरह विफल रही. लोग आक्सीजन, बेड, दवाईंयों की कमी से अपनी जान दे रहे थे. ऐसे में हर्षवर्द्धन का जाना समझ में आता है मगर रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर जैसे हेवीवेट मंत्री की कुर्सी जा सकती है यह किसी को अंदाजा नहीं था क्योंकि यही दोनों मोदी सरकार का चेहरा थे. सरकार के तरफ से होने वाले या फिर पार्टी के तरफ से राहुल गांधी को भी निशाना बनाना हो तो इन्हीं दोनों को आगे लाया जाता था. इन्हीं दोनों को प्रेस कांफ्रेस करने के लिए कहा जाता था. तो फिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों को मंत्रिमंडल से जाना पड़ा.More Related News