भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मुंबई की कोर्ट ने जारी किया वारंट, जानें पूरा मामला
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साध्वी प्रज्ञा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत मग्गू ने राहत देने के लिए आवेदन दायर किया. साथ ही एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी कोर्ट के समक्ष पेश किया, जिसमें बताया गया कि सांसद अस्वस्थ हैं और इसलिए वह कोर्ट नहीं आ सकतीं. हालांकि कोर्ट ने देखा कि छूट आवेदन के साथ संलग्न चिकित्सा प्रमाणपत्र केवल एक फोटोस्टेट प्रति थी, न कि डॉक्टर द्वारा जारी किया गया मूल मेडिकल सर्टिफिकेट.
मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को अदालती कार्यवाही के दौरान उपस्थित नहीं रहने पर भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है. दरअसल, 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले से संबंधित सवालों का जवाब देने के लिए साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचीं.
उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत मग्गू ने राहत देने के लिए आवेदन दायर किया. साथ ही एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी कोर्ट के समक्ष पेश किया, जिसमें बताया गया कि सांसद अस्वस्थ हैं और इसलिए वह कोर्ट नहीं आ सकतीं. हालांकि कोर्ट ने देखा कि छूट आवेदन के साथ संलग्न चिकित्सा प्रमाणपत्र केवल एक फोटोस्टेट प्रति थी, न कि डॉक्टर द्वारा जारी किया गया मूल मेडिकल सर्टिफिकेट.
बता दें कि वर्तमान में मालेगांव 2008 विस्फोट केस अंतिम छोर पर है, जहां अदालत द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब आरोपियों द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत दिया जा रहा है. 313 प्रक्रिया पिछले कुछ महीनों से चल रही है जहां कोर्ट ने सभी अभियुक्तों से पूछने के लिए प्रश्न तैयार किए हैं और सभी अभियुक्त प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं.
साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ 10,000 रुपये का वारंट जारी कर उन्हें कोर्ट आकर जवाब देने के आदेश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा 20 मार्च को कोर्ट में पेश होंगी और इसके बाद वारंट को रद्द कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के मालेगांव में एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी. इस धमाके में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इस मामले में प्रमुख संदिग्धों में से एक थीं, क्योंकि कथित तौर पर यह उनकी ही मोटरसाइकिल थी जिस पर बम रखा गया था. वह बीजेपी के उन कई मौजूदा सांसदों में शामिल हैं, जिनका नाम आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की 195 उम्मीदवारों की पहली सूची से गायब था.
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