'भैया आप क्यों चले गए...', लिपटकर रोने लगीं 'लाडली' बहनें, शिवराज भी नहीं रोक पाए आंसू... Video
AajTak
शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को विदिशा पहुंचे थे. यहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने शिवराज को घेर लिया. महिलाएं उनसे लिपटकर रोने लगीं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शिवराज इन महिलाओं के आंसू पोछते दिखे. कुछ महिलाएं शिवराज से लिपटकर रोने लगीं. इसे देखकर शिवराज भी भावुक हो गए. वे अपने आंसू पोछते दिखे.
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. वे 18 साल तक राज्य के सीएम रहे. राज्यभर में युवा उन्हें 'मामा' तो महिलाएं 'भाई' कहती हैं. जब से बीजेपी ने उनकी जगह मोहन यादव को सीएम बनाया है, बड़ी संख्या में महिलाएं लगातार शिवराज सिंह से मिलने पहुंच रही हैं और उनके सीएम न बनने पर दुख जाहिर कर रही हैं. ऐसा ही नजारा विदिशा में देखने को मिला. यहां महिलाएं शिवराज से लिपटकर रोने लगीं. इसे देखकर शिवराज भी अपने आंसू नहीं रोक पाए.
शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को विदिशा पहुंचे थे. यहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने शिवराज को घेर लिया. महिलाएं उनसे लिपटकर रोने लगीं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शिवराज इन महिलाओं के आंसू पोछते दिखे. कुछ महिलाएं शिवराज से लिपटकर रोने लगीं. इसे देखकर शिवराज भी भावुक हो गए. वे अपने आंसू पोछते दिखे. इस दौरान कुछ महिलाएं चिल्ला रही थीं, 'भैया आप क्यों चले गए..., मामा जी वापस आना, अपनी बहनों के लिए वापस आना.
मेरा परिवार … pic.twitter.com/pf6FAbWnc8
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इन्हीं में से एक लाडली बहना है. इस योजना का लाभ एमपी की लाखों महिलाओं को मिला है. इसके तहत शिवराज सरकार हर महीने महिलाओं को 1 हजार रुपये की आर्थिक मदद देती है. चुनाव से पहले शिवराज सिंह ने इस राशि को बढ़ाकर 1250 रुपये हर महीने कर दिया था. एमपी में बीजेपी की प्रचंड के पीछे शिवराज की इस लोकप्रिय योजना को भी एक वजह माना जा रहा है.
मोहन यादव बने एमपी के नए सीएम
Aaj Ki Taza Khabar: कल देश का आम बजट (Union Budget 2025) आने वाला है और उससे एक दिन पहले शेयर बाजार में हरियाली (Stock Market Zooms) देखने को मिली है. वहीं, हर बार की तरह इस बार भी बजट से आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं, टैक्स से लेकर टैरिफ तक मिडिल क्लास की तमाम टेंशन इनमें शामिल होती हैं. इस बीच राहुल गांधी ने कहा है कि 90 के दशक में कांग्रेस ने दलितों और OBC का भरोसा खो दिया.
बजट सत्र की शुरुआत हो रही है. राष्ट्रपति का अभिभाषण और इकोनॉमिक सर्वे पेश होगा. सरकार 16 बिल पास कराने की तैयारी में है. विपक्ष बंटा हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे सरकार को फायदा मिल सकता है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों के बीच मतभेद स्पष्ट हैं. हालांकि, संसद में विपक्ष कुछ मुद्दों पर एकजुट हो सकता है. महंगाई, बेरोजगारी और कुंभ घटना जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे. सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले.
आज, 31 जनवरी को भी दिल्ली में सुबह के वक्त घना कोहरा देखा गया. मौसम विभाग के मुताबिक आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. इसके बाद कल, फरवरी की शुरुआत से ही न्यूनतम तापमान यानी रात के तापमान में तो बढ़त देखने को मिलेगी लेकिन दिन के तापमान में कमी के आसार बन रहे हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बड़ी स्वीकारोक्ति में माना है कि कांग्रेस दलितों और OBC के हितों की रक्षा उस तरह से नहीं कर पाई जैसा पार्टी को करना चाहिए था. राहुल ने इसके लिए 1990 के दशक के कांग्रेस नेतृत्व को दोष दिया. राहुल ने दो टूक कहा कि अगर वे ऐसा नहीं कहते हैं तो इसका मतलब है कि वे झूठ बोल रहे हैं.
दिल्ली में चुनाव है और चुनाव की इस गहमा-गहमी के बीच यमुना भी बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरी है. दावा किया जा रहा है कि यमुना में जहर है. आरोप लग रहे हैं कि यमुना का जल पीने तो क्या आचमन के लायक भी नहीं है. दिल्ली की बड़ी रिहायश आज भी पानी की कमी से जूझ रही है. यमुना, जो दिल्ली में नालों का संगम बन गई है, जिसमें केमिकल के झाग जब-तब बहते नजर आते हैं.