भूटान और चीन के बीच हुआ अहम समझौता, क्या बोला भारत?- प्रेस रिव्यू
BBC
इस समझौते में डोकलाम ट्राइजंक्शन इलाक़ा भी है, क्या यह भारत के लिए चिंता का विषय है? पढ़िए, भारत ने क्या जवाब दिया?
भूटान और चीन ने अपने सीमा विवाद सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता 'थ्री स्टेप रोडमैप' है जिससे दोनों देशों के बीच वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
गुरुवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए एक बैठक हुई और इसी में यह समझौता हुआ है. इस समझौते को लेकर भारत ने कहा है कि उसने इसे नोटिस किया है. अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है.
दोनों देशों के बीच तैयार हुआ यह रोडमैप भूटान-चीन सीमा वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए है. उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते के बाद सीमा विवाद को लेकर वार्ता में गति आएगी जो पिछले पाँच सालों से रुकी हुई थी. एक तो 2017 में डोकलाम विवाद के कारण और फिर कोरोना महामारी के कारण ऐसा हुआ था.
द हिन्दू ने लिखा है कि भूटान और चीन के बीच के इस समझौते का समय भारत के लिए बहुत अहम है. भूटान के साथ चीन ने यह समझौता तब किया है जब लाइन ऑफ़ ऐक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर 17 महीनों से भारत और चीन में जारी सीमा विवाद पर 13वें चरण की बैठक इस हफ़्ते बिना नतीजे के काफ़ी गतिरोध के साथ ख़त्म हुई थी.
भूटान के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा है, ''भूटान और चीन के बीच थ्री स्टेप रोडमैप को लेकर हुआ एमओयू (मेमोरैंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग) सीमा वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. उम्मीद है कि इस रोडमैप को सद्भाव, समझ और सामंजस्य के तहत लागू करते हुए सीमा वार्ता को सफलतापूर्वक किसी निष्कर्ष पर पहुँचाया जा सकेगा, जो दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य होगा.''