
भीमा कोरेगांव: सुधा भारद्वाज ने डिफॉल्ट ज़मानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया
The Wire
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख कर कहा है कि निचली अदालत के जज उनके ख़िलाफ़ 2019 की चार्जशीट का संज्ञान लेने के लिए अधिकृत नहीं है.
नई दिल्लीः भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में 16 आरोपियों में से एक सुधा भारद्वाज ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख कर इस आधार पर डिफॉल्ट जमानत दिए जाने की मांग की है कि निचली अदालत के जज उनके खिलाफ 2019 की चार्जशीट का संज्ञान लेन के लिए अधिकृत नहीं हैं. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत दायर आवेदन में कहा है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशर वडाने की अदालत उनके खिलाफ पुणे पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए अधिकृत नहीं है. सीआरपीसी की यह धारा न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र को निर्धारित और उनके द्वारा लिए जाने वाले आदेशों की प्रकृति को सीमित करती है. भारद्वाज ने अपनी बात का समर्थन करने के लिए सूचना के अधिकार के अनुरोध का हवाला दिया है. उनकी दलील है कि इसका मतलब है कि जज चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुणे पुलिस की समयसीमा (एक्सटेंशन) बढ़ा नहीं सकते.More Related News