भीमा-कोरेगांव: एक गवाह ने हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया
The Wire
एल्गार परिषद मामले में एक आरोपी और गवाह का कहना है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा आरएसएस कार्यकर्ता संभाजी भिड़े और भाजपा के पूर्व पार्षद मिलिंद एकबोटे ने भड़काई थी. उन्होंने जांच आयोग को एक प्रेस विज्ञप्ति भी सौंपी तथा दावा किया कि वह विज्ञप्ति मिलिंद एकबोटे ने हिंसा से कुछ दिन पहले पुणे के ज़िलाधिकारी को दी थी और उसमें मुख्य रूप से दलित और आंबेडकरवादी समुदायों के लोगों के एकत्रित होने के प्रति विरोध जताया था.
मुंबई: एल्गार परिषद मामले में आरोपी हर्षाली पोतदार ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के सामने गवाही दी हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुणे के भीमा-कोरेगांव में 2018 में जो हिंसा हुई थी, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता संभाजी भिड़े और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद मिलिंद एकबोटे ने भड़काई थी.
पोतदार ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक गवाह के रूप में गवाही दी थी और दोहराया था कि भिड़े और एकबोटे ने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में एल्गार परिषद के सम्मेलन के एक दिन बाद भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा को भड़काया था.
पोतदार ने आयोग को एक प्रेस विज्ञप्ति भी सौंपी तथा दावा किया कि वह विज्ञप्ति एकबोटे ने हिंसा से कुछ दिन पहले जिलाधिकारी को दी थी और उसमें लोगों, मुख्य रूप से दलित, आंबेडकरवादी समुदायों के लोगों के एकत्रित होने के प्रति विरोध जताया था.
तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस सरकार द्वारा इस मामले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया था.